नीतीश के पीएम पद की उम्मीदवारी पर कांग्रेस के सुर अलग
पटना : राजद के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर समर्थन किये जाने के बीच बिहार में महागंठबंधन :जदयू-राजद-कांग्रेस: सरकार में शामिल कांग्रेस ने इसे समय से पूर्व चर्चा बताया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश के शिक्षा मंत्री अशोक कुमार चौधरी ने आज कहा कि लोकसभा का चुनाव […]
पटना : राजद के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर समर्थन किये जाने के बीच बिहार में महागंठबंधन :जदयू-राजद-कांग्रेस: सरकार में शामिल कांग्रेस ने इसे समय से पूर्व चर्चा बताया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश के शिक्षा मंत्री अशोक कुमार चौधरी ने आज कहा कि लोकसभा का चुनाव 2019 में संपन्न होना है. इस विषय अभी चर्चा का उचित समय नहीं है और अगले तीन सालों में गंगा से काफी पानी बह चुका होगा.
चुनाव आंकडों का खेल
उन्होंने कहा कि यह आंकडों का खेल है और जो भी दल राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक सीटें जीतेगी वह केंद्र में सरकार बनायेगी. चौधरी ने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है और हमारे पास अधिक संख्या बल होंगे अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों की तुलना में. उन्होंने कहा कि हर दल की मंशा होती है कि उनके पार्टी नेता प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हों. राजद लालू प्रसाद को, त्रिणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी को और कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखा चाहती है.
नीतीश पीएम पद के दावेदार नहीं, स्वयं कहा
चौधरी ने कहा कि जहां तक प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर चर्चा का सवाल है नीतीश कुमार जी ने स्वयं यह स्पष्ट कर दिया है कि वे इस पद के दावेदार नहीं है. उन्होंने कहा कि जितना अधिक नीतीश कुमार जी का राजनीतिक तौर पर स्वीकारिता बढेगी उतना ही राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त होगा. इससे पूर्व कांग्रेस के महासचिव शकील अहमद ने राष्ट्रीय स्तर पर किसी प्रकार के गठबंधन से इंकार करते हुए कहा था कि 2019 के आते-आते मोदी सरकार और भाजपा की स्थिति और भी बिगड़ेगी, ऐसे में उनकी पार्टी को किसी प्रकार के गठबंधन की आवश्यक्ता नहीं होगी. भारत की जनता स्वयं ‘आरएसएस और भाजपा मुक्त’ भारत की राह हमवार कर देगी.