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पटना में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी चरम पर, गरीब व दलित बच्चों नहीं ले रहे एडमिशन

पटना : बिहार में शिक्षा का अधिकार कानून लागू है लेकिन प्राइवेट स्कूलों पर इस कानून का असर नहीं दिख रहा है. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने मांग की है कि वैसे प्राईवेट स्कूलों की मान्यता रद्द करे सरकार, जो शिक्षा अधिकार कानून का उल्लंघन कर रहे हैं. रालोसपा ने ऐसे सभी निजी विद्यालयों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2016 2:01 PM

पटना : बिहार में शिक्षा का अधिकार कानून लागू है लेकिन प्राइवेट स्कूलों पर इस कानून का असर नहीं दिख रहा है. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने मांग की है कि वैसे प्राईवेट स्कूलों की मान्यता रद्द करे सरकार, जो शिक्षा अधिकार कानून का उल्लंघन कर रहे हैं. रालोसपा ने ऐसे सभी निजी विद्यालयों पर कार्रवाई की मांग की है जो शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन कर रहे हैं.

दलित बच्चों का नहीं कर रहे हैं नामांकन

जानकारी के मुताबिक राजधानी पटना में ऐसे कई स्कूल हैं जो शिक्षा के अधिकार का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. जबकि कानून के मुताबिक प्राइवेट स्कूल में सरकार द्वारा निर्धारित प्रतिशत के अनुसार गरीब और दलित बच्चों का नामांकन लेना जरूरी है. स्कूलों द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है. सिर्फ पैसे वालों के बच्चों को भारी फीस लेकर एडमिशन लिया जाता है. रालोसपा ने ऐसे स्कूलों की सूची जारी करने की मांग की है जो नामांकन नहीं ले रहे हैं.

राजधानी में सैकड़ों की संख्या में निजी स्कूल

बिहार सरकार ने यह प्रावधान किया था कि निजी स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी. इन स्कूलों को एक निश्चित संख्या में गरीब बच्चों का एडमिशन लेना होगा. सरकार के इस आदेश को स्कूलों ने नहीं माना और मनमाने तरीके से नामांकन ले रहे हैं. इसका विरोध करते हुए रालोसपा ने सरकार से इन स्कूलों पर कार्रवाई की मांग की है.

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