मोकामा (पटना) : किउल-पटना रेलखंड पर उस समय अफरा-तफरी मच गयी, जब एक मालगाड़ी बर्निंग ट्रेन बन गयी. उसी स्थिति में मालगाड़ी हथिदह से लेकर बाढ़ तक दौड़ती रही. ट्रेन पर कोयला लदा हुआ था. कोयला एनटीपीसी का था. अगलगी के बारे में ड्राइवर को भनक तक नहीं मिली, जिससे ट्रेन कई स्टेशन व हॉल्ट पार गयी.
दोनों तरफ जले हुए कोयले गिरने की वजह से झाड़ियों में आग पकड़ ली और पटना जिल के मोकामा स्टेशन के निकट जलालपुर हॉल्ट के पास आठ झोंपड़ियां जल कर राख हो गयीं. वहीं हथिदह, मोकामा, मोर व पंडारक स्टेशनों के अलावा जलालपुर, औंटा टाल, शिवनार व मेकरा ममरखावाद रेलवे हाल्टों के पास जहां-तहां झाड़ियों में आग पकड़ ली. इसके अलावा हथिदह स्टेशन के पास दो किलोमीटर क्षेत्र की झाड़ियों में आग लग गयी.
उधर घटना की वजह से इस रूट पर कई ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ा है. इसे लेकर रेल महकमे भी अफरातफरी मची रही. रेलवे की लापरवाही के कारण अगलगी की घटना भयावह हो गयी. रेल अधिकारियों के की इस गैरजिम्मेदाराना हरकत के कारण 50 किलोमीटर क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा और लोग परेशान होते रहे.
मोकामा स्टेशन के निकट तेज हो गयीं लपटें : नौरंगा जलालपुर निवासी मणि पहलवान व मुकेश कुमार ने बताया कि मालगाड़ी से कोयला गिरा, जिसके बाद पहले झाड़ियों में आग लगी और तब आग की लपटें आसपास की झोंपड़ियों में पहुंच गयीं. आग लगने के कारण नौरंगा जलालपुर निवासी जयराम राम, विजय राम, प्रह्लाद तांती, नारायण तांती, गोरे राम, अरविंद राम, अरविंद ठाकुर व रामजी तांती की झोंपड़ियां जल कर राख हो गयीं.
क्या है कारण : बाढ़ एनटीपीसी परियोजना के लिए कोयले की रेक आ रही थी. शनिवार की रात झाझा स्टेशन के पास ही कोयला लदी मालगाड़ी के रेक में आग लग गयी थी़ उस वक्त आग पर काबू पाया गया, लेकिन आग अंदर में सुलगती रही. रविवार सुबह जब मालगाड़ी को बाढ़ के लिए रवाना किया गया, तो आग तेज हो गयी.
मालगाड़ी में आग तेज होती रही और मालगाड़ी भी चलती रही. दानापुर रेल कंट्रोल के अधिकारियों ने मालगाड़ी को कहीं रोक कर आग पूरी तरह बुझाने के बदले रेक को एनटीपीसी पहुंचाने का निर्देश दिया. इसी कारण मालगाड़ी फुल स्पीड में दौड़ती रही. हवा के तेज झोंकों और मालगाड़ी की रफ्तार के कारण कोयले के जलते टुकड़े रेल पटरियों पर गिरते रहे और आसपास की झाड़ियों में आग लगती रही.