पटना : राजधानी पटना के एक कार्यक्रम में पहुंचे मशहुर फिल्म निर्माता, निर्देशक और गीतकार गुलजार ने कहा कि उनका सपना था कि वह ट्रैफिक पुलिस में भरती हों. तक्षशिला सोसाइटी द्वारा आयोजित बाल साहित्य की मासिक पत्रिका प्लूटो के विमोचन में पहुंचे गीतकार और कवि गुलजार ने बच्चों के प्रश्नों के जवाब देने के क्रम में कई रोचक बातें बतायी. कार्यक्रम में बच्चों ने गुलजार से खूब सवाल-जवाब किये. गुलजार साहब ने बच्चों को खूब प्रेम से उनके सवालों का जवाब दिया.
अपने बचपन के बारे में बताया
बच्चों के प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में गुलजार ने बताया कि उनकी हैंडराइटिंग बहुत खराब थी और पढ़ने में अच्छे नहीं थे. वह बहुत गलतियां करते थे और होमवर्क से उन्हें काफी टेंशन होता था. गुलजार ने बताया कि वह पढ़ने में काफी कमजोर थे. उन्हें पढ़ने में दिल नहीं लगता था. पढ़ना अच्छा नहीं लगता था और होमवर्क से काफी भागता था. उन्होंने कहा कि वह हर तरह के खेल खेलते थे. वह अपने क्लास के उस मित्र से ज्यादा प्रभावित थे जो हर बात में तुकबंदी करता था. उन्होंने कहा कि मैं भी शुरू से ही तुकबंदी करने लगा और फिर आहिस्ता-आहिस्ता कविताएं लिखने लगा.
कविता लिखने की टिप्स बताये
गुलजार ने बच्चों के बीच भावनाओं और कविताओं के बीचकीकड़ी को समझाया और उन्हें बताया कि कविता कैसे लिखनी चाहिए. गुलजार ने कहा कि कविता लिखने का बहुत सुंदर सा टिप्स यह है कि जो आपके मन में भावनाएं आये उसे बस लिख दीजिए. अगर आपको लेखक बनना है तो खूब लिखिए. कार्यक्रम के अंतिम चरण में गुलजार ने अपनी नज्मों से वहां मौजूद श्रोताओं को मोहित कर लिया.