राजद कोटे के मंत्रियों की अलग बैठक, मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना में बदलाव पर विचार
पटना : राजद मंत्रियों ने पटना में आज अलग बैठक कर मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना फंड में बदलाव कीजरूरत पर विचार किया. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पटना स्थित आवास पर यह बैठक पिछले कुछ दिनों से जारी लू की तपिश के कारण प्रदेश में आग लगने की घटनाओं और जल संकट को लेकर राजद प्रमुख […]
पटना : राजद मंत्रियों ने पटना में आज अलग बैठक कर मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना फंड में बदलाव कीजरूरत पर विचार किया. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पटना स्थित आवास पर यह बैठक पिछले कुछ दिनों से जारी लू की तपिश के कारण प्रदेश में आग लगने की घटनाओं और जल संकट को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के चिंता व्यक्त किये जाने बुलायी गयी थी.
क्षेत्रीय विकास योजना में बदलाव पर विचार
बैठक के बाद सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना फंड में बदलाव की आवश्यकता पर चर्चा हुई. इसमें से कुछ योजनाओं को हटाये जाने और कुछ अन्य जन उपयोगी योजनाओं को शामिल करने को लेकर बातचीत हुई. बैठक में किन योजनाओं को मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना फंड में शामिल करने पर चर्चा हुई, यह सवाल करने पर मेहता ने कहा कि इस मुद्दे और भी चर्चा होनी बाकी है पर इसबारे में जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों के सुझाव प्राप्त किए जाने के बाद मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना फंड आंशिक बदलाव किया जाएगा.
सात निश्चय योजना पर भी विचार
मेहता ने बैठक के दौरान महागंठबंधन सरकार के सात निश्चय को और भी सशक्त किये जाने पर चर्चा के साथ वैसी योजनाएं यथा बिजली, पेयजल, नालों एवं लेन का निर्माण जो कि सात निश्चय में शामिल हैं को मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना फंड से हटाये जाने पर चर्चा हुई. बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर, कृषि मंत्री राम विचार राय और कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री शिवचंद्र राय भी शामिल थे.
कुआं खोदने पर विचार
सूत्रों ने बताया कि सात निश्चय के तहत प्रत्येक घरों को पाईप के जरिये जलापूर्ति की जानी है पर वर्तमान जल संकट के मद्देनजर जन उपयोगी योजनाएं यथा चापाकल और कुआं खोदने के लिए आर्थिक सहायता को मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना फंड में शामिल किया जा सकता है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने भीषण गरमी के दौरान पछुआ हवा के चलने से प्रदेश के विभिन्न भागों में आग लगने की घटनाओं चिंता जताते हुए जल संकट की समस्या से निपटने के लिए प्रत्येक गांव में चार से छह कुआं खोदे जाने का सुझाव दिया था.