हाइकोर्ट ने ट्रैफिक एसपी, नगर निगम को लगायी फटकार

पटना: पटना हाइकोर्ट में गुरुवार को शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन की खूब किरकिरी हुई. संजय सिंह व अन्य की ओर से दायर लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और विकास जैन के खंडपीठ ने ट्रैफिक एसपी जयंत कांत से पूछा कि क्या आपने ट्रैफिक सिस्टम की ट्रेनिंग ली है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2014 9:06 AM

पटना: पटना हाइकोर्ट में गुरुवार को शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन की खूब किरकिरी हुई. संजय सिंह व अन्य की ओर से दायर लोकहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और विकास जैन के खंडपीठ ने ट्रैफिक एसपी जयंत कांत से पूछा कि क्या आपने ट्रैफिक सिस्टम की ट्रेनिंग ली है, तो उनका जवाब था-नहीं.

कोर्ट ने एडिशनल ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी से यही सवाल किया, तो उनका जवाब भी वही मिला. ट्रैफिक एसपी से अगला सवाल, आप फुल टाइम ट्रैफिक एसपी हैं, जवाब मिला- नहीं. आप कितना समय शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने पर देते हैं, ट्रैफिक एसपी ने कहा-सुबह का थोड़ा समय. हम पार्ट टाइम ट्रैफिक एसपी हैं. अतिरिक्त चार्ज में. कोर्ट- वाह, देश में एक ऐसी जगह भी है, जहां फुल टाइम ट्रैफिक एसपी नहीं हैं. ट्रैफिक संभालनेवाले किसी ने भी ट्रेनिंग नहीं ली है. यह खतरनाक स्थिति है. सब कुछ भाग्य भरोसे चल रहा. यहां गाड़ी से चलना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल है. पूरे बिहार के लोग ट्रैफिक को लेकर परेशान हैं.

खंडपीठ ने ट्रैफिक एसपी से कहा किवह बताएं कि उनके स्तर पर राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि देश में दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड और तमिलनाडु में ट्रैफिक ट्रेनिंग स्कूल स्थापित हैं, जहां ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की ट्रेनिंग दी जाती है. खंडपीठ ने कहा कि अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी. उस दिन ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के उपाय कोर्ट को उपलब्ध कराये जाएं.

गौरतलब है कि पटना हाइकोर्ट ने दो जनवरी को इस मामले की सुनवाई की थी और गुरुवार को ट्रैफिक एसपी व एडिशनल ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था.

30 दिनों के अंदर शुरू करें सौंदर्यीकरण
हाइकोर्ट ने मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स परिसर के सौंदर्यीकरण का काम 30 दिनों में शुरू करने का निर्देश दिया है. मौर्यालोक दुकानदार संघर्ष समिति की लोकहित याचिका पर न्यायाधीश नवीन सिन्हा व न्यायाधीश विकास जैन ने गुरुवार को यह निर्देश दिया. सरकार की ओर से कहा गया कि इसकी जिम्मेवारी बुडको को दी गयी है. 70 करोड़ खर्च किये जायेंगे. वह शीघ्र ही कार्य शुरू कर देगा. इसके पहले याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि परिसर में बाथरूम व दीवार जजर्र है.

हलफनामा नहीं तो सीएस की पेशी
हाइकोर्ट ने नगर निगम व नगर विकास विभाग को कहा है कि यदि सोमवार को शहर की सफाई की कार्ययोजना का हलफनामा दायर नहीं होगा, तो अगली सुनवाई में मुख्य सचिव तलब किये जायेंगे. न्यायाधीश नवीन सिन्हा व न्यायाधीश विकास जैन ने यह निर्देश दिया. कोर्ट ने गुरुवार को तीसरी बार सुनवाई की तिथि बढ़ायी.

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