मदरसे के मौलवी अब पढ़ सकेंगे साइंस

1200 की जगह 800 की परीक्षा लेने की तैयारी पटना : मदरसा बोर्ड के छात्र भी इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज तक पहुंच सकें, इसके लिए बोर्ड ने सिलेबस चेंज करने का निर्णय लिया है. मदरसा बोर्ड में मौलवी में साइंस की पढ़ाई शुरू होगी. इसे इसी सत्र से लागू किया जायेगा. इसकी तैयारी बोर्ड ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2016 7:06 AM
1200 की जगह 800 की परीक्षा लेने की तैयारी
पटना : मदरसा बोर्ड के छात्र भी इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज तक पहुंच सकें, इसके लिए बोर्ड ने सिलेबस चेंज करने का निर्णय लिया है. मदरसा बोर्ड में मौलवी में साइंस की पढ़ाई शुरू होगी. इसे इसी सत्र से लागू किया जायेगा. इसकी तैयारी बोर्ड ने करना शुरू कर दी है. सिलेबस में 22 साल के बाद बदलाव किया जायेगा. मौलवी साइंस में फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथेमेटिक्स और बायोलॉजी की पढ़ाई होगी. हर विषय के लिए 100-100 अंक निर्धारित किये गये हैं.
अगस्त में शुरू होगा नया सेशन : पंचायत चुनाव के कारण मदरसा बोर्ड के फोकानिया (मैट्रिक) और मौलवी (इंटर) की परीक्षा स्थगित कर दी गयी है. इससे नया सत्र देर से शुरू होगा. बोर्ड की मानें, तो अगस्त में नया सत्र शुरू होगा. इससे पहले सिलेबस की सारी प्रक्रिया पूरी हो जायेगी. इसके लिए कमेटी बनायी गयी है. कमेटी सिलेबस को अंतिम रूप दे रही है.
आठ सौ अंकों की होगी परीक्षा : मौलवी की परीक्षा अभी 1200 अंकों की ली जाती है. इस अंकों में भी कटौती की जायेगी. नया सिलेबस आठ सौ अंकों का ही होगा. बोर्ड की मानें तो अभी दिनियात विषय के तीन पेपर होते हैं. इसे कम करके दो या एक पेपर किया जायेगा. वहीं अरबी के दो पेपर होते हैं. इसे भी कम किया जायेगा. इससे छात्रों पर दबाव कम होगा.
फोकानिया के बाद छोड़ देते हैं मदरसा बोर्ड : मदरसा बोर्ड में फोकानिया करने के बाद इंजीनियरिंग और मेडिकल को कैरियर चुनने वाले छात्र मौलवी से पढ़ाई नहीं करते हैं. फोकानिया करने के बाद ये छात्र बिहार बोर्ड से इंटर साइंस की पढ़ाई करते हैं. इससे मौलवी में 50 फीसदी छात्र कम हो जाते हैं. बोर्ड की मानें तो मौलवी साइंस की पढ़ाई शुरू होने से छात्रों के ड्राॅप आउट होने की संख्या कम होगी.
इस साल से मौलवी साइंस की पढ़ाई शुरू होगी. अब तक केवल मौलवी आटर्स की ही पढ़ाई होती थी. इससे फोकानिया के बाद काफी संख्या में छात्र ड्राॅपआउट हो जाते थे. हम कोशिश कर रहे हैं कि कुल अंक को भी कम किया जाये.
खुर्शीद अहमद, सचिव, बिहार राज्य मदरसा बोर्ड

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