पीएमसीएच में निजी एंबुलेंस का कब्जा
पटना : पीएमसीएच में एक बार फिर निजी एंबुलेंस संचालक सिरदर्द बन गये हैं. डॉक्टर व स्टाफ की पार्किंग स्थलों पर एंबुलेंस संचालकों ने कब्जा जमा लिया है. निजी एंबुलेंस संचालकों द्वारा रोगियों के परिवहन के लिए पंजीकृत कराए गये हैं. लेकिन, इन्होंने अपना अड्डा पीएमसीएच में बना लिया है. बार-बार अस्पताल प्रशासन की ओर […]
पटना : पीएमसीएच में एक बार फिर निजी एंबुलेंस संचालक सिरदर्द बन गये हैं. डॉक्टर व स्टाफ की पार्किंग स्थलों पर एंबुलेंस संचालकों ने कब्जा जमा लिया है. निजी एंबुलेंस संचालकों द्वारा रोगियों के परिवहन के लिए पंजीकृत कराए गये हैं. लेकिन, इन्होंने अपना अड्डा पीएमसीएच में बना लिया है. बार-बार अस्पताल प्रशासन की ओर से चेतावनी देने पर भी इन पर कोई असर नहीं हो रहा है. जबकि, अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस काे खड़ा करना वर्जित है. पर, नियम कायदों को ताक पर रखकर अस्पताल प्रशासन की सांग-गांठ से ये एंबुलेंस संचालक मनमानी करते हैं.
मरीजों को नहीं मिलता सरकारी एंबुलेंस : अस्पताल परिसर में मरीजों की सुविधा के लिए चार सरकारी एंबुलेंस पंजीकृत हैं. इनको अलग-अलग जगहों पर खड़ा करने की स्वीकृति मिली हुई है. जबकि, करीब दो दर्जन से अधिक रोगी वाहन परिसर में खड़े रहते हैं. पीएमसीएच प्रशासन की चेतावनी दिये जाने के बावजूद भी इन रोगी वाहनों का अस्पताल के स्टाफ की पार्किंग में खड़ा रहना जारी है. मजे की बात तो यह है कि मरीजों को दिये जानेवाले सरकारी एंबुलेंस की सेवा मरीजों को नहीं मिल पा रहा है.
मरीजों को रास्ते में पता चलता है निजी एंबुलेंस के बारे में : अस्पताल में पंजीकृत एंबुलेंस के साथ ही निजी एंबुलेंस खड़ा रहने से मरीजों को पहचानने में परेशानी होती है. एेसे में मरीज सरकारी वाहन का लाभ लेने से वंचित भी हो जाते हैं. मरीजों को रास्ते में पता चलता है कि वे सरकारी नहीं, बल्कि निजी एंबुलेंस में बैठे हैं. इस कारण मरीजों को आर्थिक परेशानी का भी सामना करना पड़ता है.
पकड़े जाने पर बड़े स्तर पर की जायेगी कार्रवाई
हाल में पुलिस की सहायता से निजी एंबुलेंस संचालकों को अस्पताल से हटाया गया था. कई चालकों पर कार्रवाई कर जुर्माना भी वसूला गया. एक बार फिर इन्हें अस्पताल परिसर से हटाने के लिए पुलिस से सहायता मांगी जायेगी और बड़े स्तर पर कार्रवाई होगी.
डॉ लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच