पटना : बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने पूर्ण शराबबंदी को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए उत्पाद इंटेलिजेंस ब्यूरो को सशक्त किये जाने को मंजूरी प्रदान की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने नई उत्पाद नीति-2015 के कार्यान्वयन के लिए निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अंतर्गत काम करने वाले ‘एक्साइज इंटेलिजेंस ब्यूरो’ :ईआईबी: के सशक्तिकरण के लिए राजपत्रित एवं अराजपत्रित पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की.
नये पदों का हुआ सृजन
उन्होंने बताया कि इसके तहत उत्पाद उपायुक्त और सहायक उत्पाद आयुक्त का एक-एक पद, उत्पाद निरीक्षक के दो पद और सहायक उत्पाद निरीक्षक के पांच पद सृजत किये गये हैं. पूर्ण शराबबंदी को प्रभावकारी तरीके से लागू करने के लिए सरकार ने इस कदम को उठाने का निर्णय लिया है. सरकार के इस कदम से राज्य में पूर्ण शराबबंदी का कानून अच्छे तरीके से लागू हो सुनिश्चित किया जायेगा.
जापान के रोडमैप पर बना बिहार का आपदा रोडमैप
उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप 2015-30 को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है. ब्रजेश ने बताया कि जापान में संपन्न तीसरे आपदा जोखिम न्यूनीकरण सम्मेलन में वर्ष 2015 से 2030 तक आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए रोडमैप तैयार किये जाने का निर्णय किया गया था इस सम्मेलन में 132 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. बिहार का रोडमैप इसी आधार पर बनाया गया है. ब्रजेश ने बताया कि बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप, 2015-30 का लक्ष्य प्राथमिक आपदाओं के कारण मानव क्षति के मूल आंकडों की तुलना में 75 प्रतिशत तक कमी लाना है. उन्होंने बताया कि इसके तहत 2030 तक परिवहन संबंधी आपदाओं जैसे सड़क, रेल और विमान दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी लाया जाने का लक्ष्य बनाया गया है.
आपदा प्रभावित लोगों के आंकड़े होंगे कम
ब्रजेश ने बताया कि इसके तहत 2030 तक आपदाओं से प्रभावित व्यक्तियों की संख्या में मौजूदा संख्या से 50 प्रतिशत तक कमी लाया जाना तथा आपदाओं से होने वाली क्षति के मूल आंकडों की तुलना में 50 प्रतिशत की कमी लाये जाने का लक्ष्य बनाया गया है. उन्होंने बताया कि बिहार आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप, 2015-30 में नौ अध्याय हैं. जिसमें तहत गांव एवं शहर को सुरक्षित बनाए जाने के साथ-साथ बुनियादी एवं मेडिकल जैसी आधारभूत संरचनाओं को अधिक बेहतर बनाये जाने पर कार्य किया जाना है. ब्रजेश ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने बिहार शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम एवं बिहार राज्य भवन निर्माण निगम के माध्यम से कुल एक अरब 12 करोड 84 लाख 71 हजार 762 रपये की अनुमानित लागत पर प्रदेश के 534 प्रखंड स्तरीय कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किए जाने को भी मंजूरी प्रदान की गयी है. उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने आज कुल दस प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की.