कैबिनेट के फैसले : 2030 तक हर गांव-शहर होगा आपदा से सुरक्षित
आपदा न्यूनीकरण रोडमैप को मंजूरी पटना : 2030 तक राज्य का हर गांव और हर शहर किसी तरह की आपदा से सुरक्षित होगा. गांव और शहर के भवन से लेकर तटबंध तक और स्कूल से लेकर अस्पताल तक सुरक्षित होंगे. आपदा से बचाव के लिए विश्वस्तरीय तैयारी के तहत सुरक्षित गांव और सुरक्षित शहर के […]
आपदा न्यूनीकरण रोडमैप को मंजूरी
पटना : 2030 तक राज्य का हर गांव और हर शहर किसी तरह की आपदा से सुरक्षित होगा. गांव और शहर के भवन से लेकर तटबंध तक और स्कूल से लेकर अस्पताल तक सुरक्षित होंगे. आपदा से बचाव के लिए विश्वस्तरीय तैयारी के तहत सुरक्षित गांव और सुरक्षित शहर के लिए आपदा न्यूनीकरण रोडमैप, 2015-30 को कैबिनेट ने गुरुवार को मंजूरी दी. इसे लागू करने के लिए प्रशासनिक ढांचा, कर्मियों की व्यवस्था सहित अन्य कार्य के लिए रोडमैप इंप्लीमेंटेेशन सपोर्ट सिस्टम (रीसू) की स्थापना होगी.
2015 में जापान के सेंडई शहर में हुए विश्व आपदा जोखिम न्यूनीकरण सम्मेलन के अनुभव से बिहार को विभिन्न आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए बिहार आपदा न्यूनीकरण जाेखिम ढांचा को स्वीकार किया गया है. सेंडई की सबक के आधार पर हाल ही में पटना में आपदा न्यूनीकरण के लिए कार्यशाला आयोजित की गयी थी, जिसमें विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों की गठित प्रारूप समिति ने रोडमैप तैयार किया.
कैबिनेट सचिव मेहरोत्रा ने बताया कि रोडमैप को नौ भागों में बांटा गया है. इसके महत्वपूर्ण पड़ाव 2020, 2025 और 2030 होंगे. लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए 2020 तक अल्पकालीन, 2025 तक मध्यकालीन और 2030 तक दीर्घकालीन कार्यक्रम को शामिल किया गया है.
आपदा से सुरक्षित होने के लिए पांच महत्वपूर्ण तैयारी
राज्य को आपदा से बचाने के लिए पांच योजनाओं पर काम किया जायेगा. इसमें सुरक्षित गांव, सुरक्षित बिहार, सुरक्षित आजीविका, सुरक्षित बुनियादी सेवाएं और सुरक्षित अति आवश्यक आधारभूत संरचनाएं शामिल हैं. रोडमैप में कहा गया है कि सुरक्षित गांव और शहर का मतलब गांव के लोगों के व्यवहार और आदत में बदलाव, आपदा से निबटने के लिए बननेवाली योजनाओं में लोगों को शामिल करना, गांव की सामुदायिक संस्थाओं की क्षमता को बढ़ाना, संचार की जानकारी और उपयोग, आपदा से बचाव और इसकी समझ लोगों में विकसित करना, पूर्व चेतावनी और इमरजेंसी सेवा तक लोगों की पहुंच को सुनिश्चित किया जायेगा.
यानी गांव और शहर के लोगों को सबसे निचले स्तर की आपदा से गांव और शहर के स्तर पर निबटने की क्षमता को विकसित किया जायेगा. गांव और शहर में स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता आदि से संबंधित सेवाएं ऐसी होंगी, तो आपदा में क्षति नहीं होगी. इसके लिए आपदा की जोखिम की पहचान कर संबंधित विभागों के क्षमता को विकसित किया जायेगा. यानी निर्माण ऐसी होगी, जिससे आपदा में वह सुरक्षित रहेगा. राज्य में सड़क, पुल, पुलिया, तटबंध, दूरसंचार, परिवहन प्रणाली का ऐसा निर्माण होगा कि वह किसी भी आपदा में सुरक्षित व कार्यरत भी रहेगा.
राज्यकर्मियों और पेंशनभोगियों को जनवरी से िमलेगा 125% महंगाई भत्ता
पटना : राज्य सरकार के कर्मचारियों व पेशनभोगियों का महंगाई भत्ता छह प्रतिशत बढ़ गया है. केंद्र की तरह उन्हें भी जनवरी, 2016 से 125 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा. अब तक इन्हें 119 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा था. गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि इस निर्णय से राज्य सरकार के खजाने पर 841.98 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा. उन्होंने कहा कि पुनरीक्षित वेतनमान में वेतन- पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य सरकार के कर्मियों, पेंशनभोगियों, परिवारिक पेंशनभोगियों को यह लाभ मिलेगा. केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही महंगाई भत्ता की दर में बढ़ोतरी की है.
सरकार के इस निर्णय से विभिन्न श्रेणी के कर्मियों को मिलने वाला लाभ
-बिहार प्रशासनिक सेवा के कनीय पदाधिकारी को जिनका वेतन 20280 रुपये हैं, उन्हें 1200 रुपये का लाभ मिलेगा
-वरीय पदाधिकारी जिनका अधिकतम वेतन 50 हजार रुपये हैं, उन्हें 3000 रुपये का लाभ मिलेगा.
-सचिवालय सहायक को न्यूनतम(11000 रुपये) वेतनवाले को 700 रुपये का लाभ
-वरीय कर्मचारी को अधिकतम (50 हजार रुपये)वेतन वाले को 3000 हजार रुपये का लाभ मिलेगा
शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए मजबूत होगा एक्साइज इंटेलिजेंस ब्यूरो
पटना : चोरी-छिपे शराब पीनेवालों की अब खैर नहीं. राज्य सरकार ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के एक्साइज इंटेलिजेंस ब्यूरो को और चुस्त-दुरुस्त करने का निर्णय लिया है. इस विभाग में यह यूनिट पूर्व से कार्यरत है, पर अब इसे नयी उत्पाद नीति, 2015 को सख्ती से लागू करने के लिए सशक्त करने का निर्णय लिया गया है.
गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में इसे मंजरी दी गयी. कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि ब्यूरो को सशक्त करने के लिए नौ अतिरिक्त पदाधिकारियों की तैनात होगी. इसमें उपायुक्त उत्पाद के एक, सहायक आयुक्त उत्पाद के एक, निरीक्षक उत्पाद के दो और अवर निरीक्षक उत्पाद के पांच पदों पर पर नियुक्ति की जायेगी. उन्होंने कहा कि नयी उत्पाद नीति को सख्ती से लागू करने के लिए इस इकाई को सशक्त करने का निर्णय लिया गया है.
चार माह में सभी प्रखंडों में कौशल विकास केंद्र
राज्य सरकार के सात निश्चय के तहत सभी 534 प्रखंडों के शिक्षित युवाओं को संवाद कला और कंप्यूटर की मूलभूत प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास केंद्र की स्थापना की जायेगी. इसे चार माह के अंदर पूरा करने का निर्णय लिया गया है. इसके भवन निर्माण की जिम्मेवारी उत्तर बिहार में बिहार शैक्षिक आधारभूत संरचना विकास निगम और दक्षिण बिहार में बिहार राज्य भवन निर्माण निगम को दी जायेगी. इसके लिए 112.85 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये.
अन्य फैसले
-पीएचइडी के नौ जूनियर इंजीनियरों को एक साल सेवा विस्तार
– पटना हाइकोर्ट में मुकदमों के त्वरित निष्पादन के लिए 27 डाटा इंट्री ऑपरेटर के पदों की स्वीकृति
– पीएचइडी अवर अभियंत्रण संवर्ग नियमावाली 2016 को स्वीकृति
– बेलट्राॅन में कुछ पदों के पुन: नामकरण के कारण कई पद खत्म होने के कारण शेष रिक्त पदों को समाप्त करने का निर्णय
– बिहार राज्य अभिलेखागार के छह पुराभिलेखपाल की सेवा एक साल के लिए अथवा नियमित नियुक्ति होने तक के लिए विस्तार