केस के हुए ढाई साल, एक लाइन भी नहीं लिखाया अनुसंधान में

बिल्डर की गिरफ्तारी को दिल्ली में पटना पुलिस का छापा पटना : एक्जिबिशन रोड में मंदिर की जमीन को लेकर हुए विवाद के बाद बिल्डर अनिल सिंह पुलिस के निशाने पर आ गये हैं. घटना के बाद फरार चल रहे बिल्डर की एक तरफ गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में छापेमारी हो रही है, तो दूसरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2016 7:18 AM
बिल्डर की गिरफ्तारी को दिल्ली में पटना पुलिस का छापा
पटना : एक्जिबिशन रोड में मंदिर की जमीन को लेकर हुए विवाद के बाद बिल्डर अनिल सिंह पुलिस के निशाने पर आ गये हैं. घटना के बाद फरार चल रहे बिल्डर की एक तरफ गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में छापेमारी हो रही है, तो दूसरी तरफ पटना रेंज के डीआइजी शालीन पहले से दर्ज केसों की मंगलवार को समीक्षा करेंगे. इस दौरान संबंधित केसों के आइओ और डीएसपी भी तलब किये गये हैं.
खास बात यह है कि बिल्डर अनिल सिंह से ही जुड़ा कोतवाली में एक मामला है, जिसमें ढाई साल से एक लाइन अनुसंधान नहीं किया गया है. अगर डीआइजी आइआे के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए, तो ढिलाई बरतने वाले आइओ नप सकते हैं. इतना ही नहीं, जो आइओ इस केस का अनुसंधान कर रहे थे वे अभी एसएचओ शाहपुर हैं. उन्होंने तबादला होने के बावजूद इस केस का चार्ज नहीं दिया है.
उधर अनिल सिंह के दिल्ली में छुपे होने की बात सामने आने के बाद एसएसपी के निर्देश पर पटना पुलिस की एक टीम वहां डेरा डाले हुई है. अब तक करीब एक दर्जन स्थानों पर छापेमारी की गयी है, लेकिन वह हाथ नहीं लगा है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. यहां बता दें कि तीन दिन पहले अनिल सिंह का लोकेशन दिल्ली में मिला था. तब से उसकी तलाश की जा रही है. इस बाबत डीआइजी शालीन ने बताया कि बिल्डर अनिल सिंह के मामले में दानापुर, फुलवारी, पालीगंज, कोतवाली, गांधी मैदान समेत अन्य थानों से दर्ज केसों की रिपोर्ट मांगी गयी है.
बिल्डर और आइओ की सांठ-गांठ परखेंगे डीआइजी
बिल्डर अनिल सिंह के खिलाफ कोतवाली में करीब नौ मामले दर्ज हैं. इसके अलावा गांधी मैदान में भी तीन मामले दर्ज हैं.
इसी तरह शहर के सभी थाना प्रभारियों से रिपोर्ट मांगी गयी है. यह देखा जा रहा है कि किस-किस थाने में अनिल सिंह के खिलाफ केस दर्ज है. डीआइजी का कहना है कि अगर केस छुपाया गया, तो थानेदार, आइओ और डीएसपी पर कार्रवाई तय है. वहीं समीक्षा के दौरान यह देखा जायेगा कि कहीं बिल्डर के प्रभाव में आकर जांच आइओ ने अनुसंधान को प्रभावित तो नहीं किया है. उनकी मिलीभगत और मैनेज के खेल को टटोला जायेगा. इसमें अगर दोष सिद्ध होता है, तो दोषी पुलिस अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
दारोगा हत्याकांड की भी होगी समीक्षा
डीआइजी शालीन मंगलवार को बिल्डर के केस के बाद सेकेंड हाफ में दो अन्य केसों की भी समीक्षा करेंगे. इसमें रिटायर्ड दाराेगा भुनेश्वर प्रसाद पर नालंदा में हमला तथा बाढ़ में दारोगा सुरेश ठाकुर मर्डर केस की भी प्रगतिदेखी जायेगी. मालूम हो कि जांच के लिए गठित एसआइटी टीम बाढ़ दारोगा हत्याकांड में अब तक न तो सर्विस रिवाॅल्वर ही बरामद कर सकी है और न ही किसी को गिरफ्तार ही कर पायी है.

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