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सचिवालय सहायक परीक्षा पर ग्रहण
हाइकोर्ट ने पूछा, क्यों नहीं परीक्षा को रद्द कर दिया जाये? पटना : सचिवालय सहायक एवं स्नातक स्तरीय पदों के लिए पिछले साल राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित प्रारंभिक परीक्षा के असफल उम्मीदवारों को बड़ी राहत मिली है. पटना हाइकोर्ट ने मंगलवार को इस परीक्षा को रद्द कर देने की मांग को […]
हाइकोर्ट ने पूछा, क्यों नहीं परीक्षा को रद्द कर दिया जाये?
पटना : सचिवालय सहायक एवं स्नातक स्तरीय पदों के लिए पिछले साल राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित प्रारंभिक परीक्षा के असफल उम्मीदवारों को बड़ी राहत मिली है. पटना हाइकोर्ट ने मंगलवार को इस परीक्षा को रद्द कर देने की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए अायोग से पूछा कि क्यों नहीं परीक्षा को रद्द कर दिया जाये? जस्टिस एके त्रिपाठी के कोर्ट ने इस विज्ञापन से जुड़ी अगली सभी परीक्षा, शारीरिक जांच और काउंसेलिंग पर रोक लगा दी है.
कोर्ट ने प्रारंभिक स्तर पर गड़बड़ी मानते हुए कहा है कि गरमी की छुट्टियों के बाद इस मामले की अगली सुनवाई होगी. तब तक आयोग नियुक्ति से संबंधित किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर सकेगा. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर से उठाये गये सभी बिंदुओं पर आयोग को अपनी ओर से जवाब तैयार करने को कहा है.
करीब साढ़े तीन हजार स्नातक स्तरीय पदों के लिए हुई प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम भी घोषित हो चुका है. इसके पहले दो चरणों में 16 और 23 फरवरी, 2015 को प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गयी थी. इसमें सात लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे. तीन फरवरी, 2016 को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ था. इसके बाद 27 मार्च को 2016 को इसकी मुख्य परीक्षा ली गयी, जिसका रिजल्ट 21 अप्रैल को घोषित कर दिया गया.
विजय कुमार पांडेय और अनुपम कुमार एवं अन्य की याचिका में कहा गया कि प्रारंभिक परीक्षा में आठ से 10 सवाल गलत पाये गये थे. बाद में आयोग ने गलती सुधार कर दोबारा रिजल्ट निकाला. लेकिन, अब भी गलतियां बाकी हैं. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि सिर्फ 16 फरवरी, 2016 की परीक्षा के सवालों में सुधार किये गये. 23 फरवरी को हुई परीक्षा में ऐसा नहीं किया गया.
सुधारे गये परिणाम में 926 नये आवेदक शामिल हुए, जबकि पूर्व के परिणाम में से 858 बाहर हो गये. याचिकाकर्ताओं के वकील कुमार कौशिक ने कहा कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बडियां हुई हैं. प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा को रद्द कर उन्होंने नये सिरे से परीक्षा आयोजित कराने की कोर्ट से मांग की है. कोर्ट ने आयोग को इस सभी बिंदुओं पर विस्तार से जवाब देने को कहा है.
अंतिम फैसले से सब कुछ प्रभावित होगा
कोर्ट ने साफ कहा कि मुख्य परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को कोई प्रीविलेज नहीं मिलेगा. कोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में सफल उम्मीदवार अपने को सफल नहीं माने. अंतिम निर्णय से सब कुछ प्रभावित होगा. कोर्ट ने आयोग से गलत सवालों को सुधारने वाले एक्सपर्ट के नाम बताने को कहा. आयोग द्वारा उनके नाम नहीं बताये जाने पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की.
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