सस्पेंड हो सकते हैं दो अनुसंधानकर्ता
कार्रवाई. महंगी पड़ी बिल्डर अनिल सिंह के केस में शिथिलता बरतनी पटना : पुलिस ने फरार बिल्डर अनिल सिंह से संबंधित मुकदमों की जानकारी ली, तो पता चला कि कोतवाली थाने में आठ, आलमगंज में एक और गांधी मैदान थाने में दो मामले दर्ज हैं. इनमें हत्या का प्रयास, रंगदारी, जालसाजी के मामले शामिल हैं. […]
कार्रवाई. महंगी पड़ी बिल्डर अनिल सिंह के केस में शिथिलता बरतनी
पटना : पुलिस ने फरार बिल्डर अनिल सिंह से संबंधित मुकदमों की जानकारी ली, तो पता चला कि कोतवाली थाने में आठ, आलमगंज में एक और गांधी मैदान थाने में दो मामले दर्ज हैं.
इनमें हत्या का प्रयास, रंगदारी, जालसाजी के मामले शामिल हैं. डीआइजी सेंट्रल शालीन ने मंगलवार को इन तमाम केस के अनुसंधानकर्ता, डीएसपी व थानाध्यक्ष को अपने कार्यालय कक्ष में बुलाया और तमाम मामलों में हुई जांच व कार्रवाई की जानकारी ली. इस दौरान एसएसपी मनु महाराज व सिटी एसपी मध्य चंदन कुमार कुशवाहा भी मौजूद थे. कुछ केस में बिल्डर ने जमानत ले रखी है, तो कुछ मामले कोर्ट में लंबित हैं और उनकी जांच चल रही है.
हालांकि एक केस में अनुसंधानकर्ता व कोतवाली थाने के एसआइ नागेंद्र प्रसाद ने एक साल में कांड से संबंधित दैनिकी भी नहीं लिखी है. इसे डीआइजी ने गंभीरता से लेते हुए नागेंद्र प्रसाद पर विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इसी प्रकार कोतवाली थाने के तत्कालीन एसआइ सतीश कुमार पर भी विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. सतीश कुमार के पास भी अनिल सिंह का एक केस था.
सतीश कुमार छह माह पहले कोतवाली थाने से शाहजहांपुर के थानाध्यक्ष बनाये गये थे. लेकिन, उन्होंने अब तक उस केस का चार्ज कोतवाली थानेदार को नहीं सौंपा. डीआइजी ने बताया कि अगर एक सप्ताह के अंदर केस का चार्ज नहीं सौंपा गया, तो फिर संबंधित पदाधिकारी को निलंबित करने का निर्देश एसएसपी को दिया गया है.
बेल रद्द करने को कोर्ट से की गयी अनुशंसा : पटना पुलिस ने कोर्ट से बिल्डर अनिल सिंह की जमानत रद्द करने की अनुशंसा की है. इसमें कोर्ट को यह जानकारी दी गयी है कि जमानत पर रहने के बावजूद बिल्डर ने उपद्रव किया. इसके अलावा वह फरार भी है, जबकि जमानत में इस बात का भी जिक्र रहता है कि जब भी जरूरत होगी, वे उपस्थित होंगे.किसी भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे, लेकिन इन सभी नियमों की अवहेलना बिल्डर ने की है.