पटना :बिहारमें भागलपुर और बांका जिला कोषागार से फर्जी रसीदों के आधार पर वर्ष 1994 से 1996 के बीच पशुपालन विभाग से धोखाधरी जालसाजी एवं सरकारी पद का दुरुप्रयोग कर 46 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र सहित अन्य 31 को कल पटना स्थित सीबीआइ की एक अदालत में सदेह उपस्थित होना है.
पटना व्यवहार न्यायालय स्थित सीबीआइ अदालत के विशेष न्यायधीश देवराज त्रिपाठी ने वर्ष 1994 से 1996 के बीच भागलपुर और बांका जिला कोषागार से फर्जी विपत्रों के आधार पर पशुपालन विभाग से धोखाधड़ी जालसाजी एवं सरकारी पद का दुरुप्रयोग कर 46 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र सहित 31 अन्य आरोपियों को सदेह उपस्थिति का हाल ही में निर्देश जारी किया था.
इस मामले में सीबीआइ ने 15 मई 1996 को प्राथमिकी दर्ज कर 21 अप्रैल 2003 को 44 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किये थे जिनमें से 33 पर ट्रायल जारी है. इसमें आरोपित किये गये लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र, विद्यासागर निषाद, ध्रुव भगत और आर के राणा आदि सहित 33 के खिलाफ मामला वर्तमान साक्ष्य पर लंबित है.
अदालत ने पूर्व में इन आरोपियों द्वारा दायर डिस्चार्ज याचिका की सुनवाई के बाद आदेश पारित करते समय रिकार्ड के मुआअनेे, पक्षकारों की दलील एवं सबूतों के आधार पर सभी आरोपित लोगों के खिलाफ आरोप गठन का मामला बताते हुए डिस्चार्ज पेटिशन को खारिज कर दिया था.
उल्लेखनीय है कि लालू करोड़ों रुपये के चारा घोटाला के एक अन्य मामले में झारखंड स्थित सीबीआइ की एक अदालत द्वारा पांच साल के कारावास और 25 लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाये जाने के बाद दिसंबर 2013 में उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने पर जेल से छूट पाये थे.