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विरोधी यहां नहीं कराएं इलाज

जयप्रभा-मेदांता अस्पताल. कार्यक्रम में विरोध करनवालों को सीएम बोले विरोध के बीच आखिरकार जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का कार्यारंभ हो गया. कार्यक्रम के दौरान विरोध करनेवालों को सीएम ने कहा कि वे यहां इलाज न कराएं. पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कंकड़बाग में जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कार्यारंभ का […]

जयप्रभा-मेदांता अस्पताल. कार्यक्रम में विरोध करनवालों को सीएम बोले
विरोध के बीच आखिरकार जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का कार्यारंभ हो गया. कार्यक्रम के दौरान विरोध करनेवालों को सीएम ने कहा कि वे यहां इलाज न कराएं.
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कंकड़बाग में जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कार्यारंभ का उद्घाटन करने के बाद जैसे ही अपना संबोधन शुरू किया, जयप्रभाबचाओ संघर्ष समिति के कुछ सदस्यों ने विरोध करना शुरू कर दिया. विरोध करनेवाले लोगों पर मुख्यमंत्री जम कर बरसे. उन्होंने कहा ऐसे लोग, जो बिना जानकारी के जो चाहे बोलते रहते हैं, रातोंरात जयप्रभा के हिमायती बन गये. ऐसे लोगों को इसके पहले जयप्रभा के बारे में कितनी बार चिंता हुई.
उन्होंने कहा कि जो लोग जयप्रभा मेदांता का विरोध कर रहे हैं, वो अपना इलाज यहां नहीं कराएं. राज्य के सभी लोग यहां इलाज कराना चाहते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना के मेयर यहां बैठे हुए हैं. अगर 10 जगहों पर सर्वे करा लिया जाये, तो सभी लोगों की इच्छा होगी कि मेदांता की शाखा यहां खुले. जयप्रभा का नाम समाप्त नहीं हो रहा है. मीडिया में खबर आयी कि जयप्रभा का नाम समाप्त हो जायेगा.
पहले साल ओपीडी की सुविधा : इधर, गुरुवार को भूमिपूजन के पहले पत्रकारों से बातचीत में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ नरेश त्रेहान ने कहा कि बिहार के लोगों को इलाज के लिए अब दिल्ली या गुड़गांव स्थित मेदांता मेडिसिटी जाना नहीं पड़ेगा. क्योंकि, मेदांता अस्पताल ही पटना आ रहा है.
500 बेडों का यह अस्पताल दो साल में बनकर तैयार हो जायेगा और लोगों को सुविधा मिलनी शुरू हो जायेगी. त्रेहान ने कहा कि बिहार में मेदांता अस्पताल, जयप्रभा मेदांता के नाम से जाना जायेगा. उन्होंने कहा कि बिहार में मेदांता को लाना और बेहतर सर्विस देना बड़ी चुनौती है. इसके बावजूद मरीजों के हित को ध्यान में रख कर यह अस्पताल खोला जा रहा है.
किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा : पीपीपी मोड पर बनने वाले इस अस्पताल की जानकारी देते हुए मेदांता न्यूरो साइंस विभाग के चेयरमेन डॉ अजय आनंद झा ने बताया कि एक साल के अंदर मरीजों को ओपीडी की सुविधा मिलनी शुरू हो जायेगी. जबकि, अन्य सुविधाएं दो साल के अंदर मिलने लगेगी. इसमें किडनी ट्रांसप्लांट सहित ऐसे भी इलाज होंगे जो अन्य अस्पतालों में नहीं हैं.
डॉ झा ने कहा कि बीपीएल और सीजीएसएच श्रेणी के अंतर्गत आनेवाले मरीजों को इलाज में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी. वहीं, लीवर विभाग के चेयरमेन डॉ राजीव गुप्ता ने कहा कि अस्पताल के निर्माण पर 600 करोड़ रुपये खर्च होंगे. गुड़गांव, इंदौर, रांची, नोयडा, लखनऊ के बाद पटना ऐसी जगह है, जहां मेदांता अपना अस्पताल खोलने जा रहा है.

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