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शराब बंद का मतलब पूरी तरह से बंद

केके पाठक प्रधान सचिव राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के एक महीना बाद इसकी रोकथाम के लिए तैयार कानून को और कड़ा करने की जरूरत बता रहे हैं उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक. इनसे कौशिक रंजन ने राज्य में शराबबंदी को लेकर विशेष बातचीत की. राज्य में पूर्ण शराबबंदी […]

केके पाठक
प्रधान सचिव
राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के एक महीना बाद इसकी रोकथाम के लिए तैयार कानून को और कड़ा करने की जरूरत बता रहे हैं उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक. इनसे कौशिक रंजन ने राज्य में शराबबंदी को लेकर विशेष बातचीत की.
राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए एक महीने से ज्यादा दिन हो गये हैं. शराब के व्यापार और उपयोग पर लगे प्रतिबंध को पूरी तरह से बरकरार रखने के लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने व्यापक स्तर पर अभियान चला रखा है.
इसका असर भी दिखने लगा है. एक महीने में 19 हजार से ज्यादा छापेमारी की गयी, जिसमें 1300 लोगों को गिरफ्तार किया गया. शराबबंदी को बनाये रखने के लिए राज्य सरकार ने नयी उत्पाद नीति, 2016 लायी है. इस बेहद सख्त कानून को भी लागू हुए एक महीने हो गये हैं. इस दौरान इस सख्त कानून में भी संशोधन की बात महसूस की जा रही है. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक ने विशेष बातचीत के दौरान इस जरूरत को बताते हुए आने वाले सत्र में कुछ अहम संशोधनों को पास कराने की बात कही है.
प्रश्न- पूर्ण शराबबंदी लागू हुए एक महीने हो गये, इसे आप किस रूप में देखते हैं?
जवाब – शराब बंदी का मतलब पूरी तरह से बंद. यह पूरी तरह से सफल है. राजनीतिक और पुलिस के स्तर पर बेहद अच्छा तथा सकारात्मक सहयोग मिलने के कारण यह अभियान सफल हो पाया है. इसके लिए जनता की तरफ से अपार सहयोग मिल रहा है. इस अभियान को सफल बनाने में यह सबसे बड़ा सहायक तथ्य है. कॉल सेंटर में रोजाना 100 के करीब फोन आना इसका प्रमाण है कि लोग इसे बंद कराने को लेकर बेहद जागरूक हैं. इन शिकायतों में कुछ पर बड़ी कार्रवाई करने में भी सफलता मिली है.
प्रश्न- क्या अवैध या जहरीली शराब के कारोबार को बड़ी चुनौती मानते हैं?
जवाब- अवैध शराब या हूच ट्रेडिंग हमेशा से चुनौती रही है और आगे भी रहेगी. अवैध तरीके से शराब का निर्माण नहीं हो. इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. इसके लिए ताड़ी की खरीद बिक्री, पांच किलो से ज्यादा महुआ के लाने-ले जाने समेत ऐसे अन्य सभी पदार्थों को प्रतिबंधित कर दिया गया है. वैसे सभी पदार्थ जिनकी मदद से देसी या किसी तरह की शराब तैयार की जाती है, उन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. ये सारे प्रयास हूच को बंद करने के लिए ही किये गये हैं.
प्रश्न- राज्य की सीमा पर शराब की स्मगलिंग होती है, इसे रोकने के लिए क्या ठोस प्रयास होंगे?
जवाब- यूपी, झारखंड और नेपाल सीमा को पूरी तरह से सख्त किया जा रहा है. सीमा क्षेत्र को कसने के लिए खासतौर से निर्देश जारी किये गये हैं. नेपाल सीमा पर एसएसबी को खासतौर से इस मामले में बात की गयी है. सभी सीमा पर अभी 100 ब्रेथ एनालाइजर भेज दिया गया है. आने वाले समय में 200 और ब्रेथ एनालाइजर मंगवाये जा रहे हैं. इन्हें भी जल्द मुहैया करा दिया जायेगा. सीमा पार करके आने वालों के सांस की जांच होगी, जो शराब पिये पकड़े गये. उन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. सीमा पर जांच और छापेमारी तेज करने के लिए कहा गया है.
प्रश्न- वाहनों की जांच के लिए कोई नया बंदोबस्त होने जा रहा है?
जवाब- समेकित चेक पोस्ट से होकर गुजरने वाले सभी तरह के वाहनों खासकर ट्रकों की स्कैनर से जांच के लिए जल्द ही एक्स-रे स्कैनर लगाया जा रहा है. जल्द ही स्कैनर लगा दिये जायेंगे. इसकी पहल शुरू कर दी गयी है. अब सभी चेक पोस्टों से होकर गुजरने वाले सभी वाहनों की जांच स्कैनर के माध्यम से होगी. इसके अलावा पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर समेत छह प्रमुख रेलवे स्टेशनों और दो एयरपोर्ट पटना तथा गया में भी स्कैनर लगाया जायेगा. इन स्थानों पर सभी सामानों को स्कैनर से होकर गुजारा जायेगा.
प्रश्न- क्या वर्तमान उत्पाद कानून को और ज्यादा सख्त करने की जरूरत है?
जवाब- पूर्ण शराबबंदी को सशक्त तरीके से लागू करने के लिए नयी उत्पाद नीति, 2016 तैयार की गयी है. कानून में अवैध शराब से मौत होने पर इसे तैयार करने और बेचने वाले दोनों को मौत की सजा तक का प्रावधान है. परंतु इस कानून के लागू हुए एक महीने बीतने के बाद इसमें कुछ अहम संशोधन करने की जरूरत महसूस की जा रही है. इन संशोधनों को आगामी विधान मंडल के सत्र में पास कराने पर विचार किया जा रहा है. पीने वाले डाल-डाल, तो हम पात-पात चलेंगे.
ये होंगे कानून में अहम बदलाव :
– कानून में अभी यह प्रावधान है कि जो राज्य में शराब पीते पकड़े गये, उन पर कार्रवाई होगी. परंतु अब इसे संशोधित करके हो जायेगा कि जो पीये हुए भी पकड़े गये या दूसरे स्थान से पीकर यहां आये कोई पकड़े जाते हैं, तो उन पर भी उतनी ही सख्त कार्रवाई होगी.
– किसी भी तरह के पदार्थ का मिश्रण करके अगर कोई नशीला पदार्थ या शराब जैसा कोई पदार्थ बनाता है, तो उस पर भी कार्रवाई होगी. हाल में औरंगाबाद में आयोडैक्स और अन्य पदार्थों को मिलाकर नशीला पदार्थ तैयार किया गया, जिसके सेवन से एक व्यक्ति की मौत हो गयी है. इस घटना के बाद इस तरह का संशोधन महसूस किया जा रहा है.
– शराब पीने में सहयोग या प्रोत्साहन करने वालों को भी इस कानून की जद में लाया जायेगा. कोई होटल वाला अगर ग्लास, बर्फ या अन्य कोई पदार्थ पीने वाले को मुहैया कराता है, तो वह भी दोषी माना जायेगा.
प्रश्न- शराबबंदी के बाद उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की कार्यशैली या स्वरूप में भी बदलाव आयेगा?
जवाब- विभाग का फोकस मद्य निषेध पर ही होगा. इसके लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो तैयार किया जा रहा है.ताकि खुफिया सूचनाएं मिलती रहें. दो हजार सैप के जवानों की तैनाती की जायेगी. पहले से 550 सैप और चार हजार होमगार्ड के जवान तैनात हैं. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए कई स्तर पर तैयारी की जा रही है.

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