अब डिजिटल होगी पुलिस विभाग की संचार प्रणाली

कवायद : जिला मुख्यालय, थाना या ओपी में लगेंगे डिजिटल सेट डिजिटल सेटों को खरीदने के लिए पहले चरण में जारी किये गये 9.36 करोड़ रुपये पटना : राज्य सरकार अपने पुलिस महकमे को पूरी तरह से दुरुस्त और सुदृढ़ बनाने के लिए पूरी संचार प्रणाली को डिजिटल करने जा रही है. संचार या वायरलेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2016 7:24 AM
कवायद : जिला मुख्यालय, थाना या ओपी में लगेंगे डिजिटल सेट
डिजिटल सेटों को खरीदने के लिए पहले चरण में जारी किये गये 9.36 करोड़ रुपये
पटना : राज्य सरकार अपने पुलिस महकमे को पूरी तरह से दुरुस्त और सुदृढ़ बनाने के लिए पूरी संचार प्रणाली को डिजिटल करने जा रही है. संचार या वायरलेस प्रणाली पूरी तरह से डिजिटल होने से कंप्यूटराइज्ड हो जायेगी. इसके लिए पुलिस विभाग ने व्यापक स्तर पर पहल शुरू कर दी है. राज्य के सभी 1064 थाना, ओपी से लेकर जिला मुख्यालयों को आपस में डिजिटल नेटवर्क से जोड़ने के लिए डिजिटल उपकरणों को खरीदने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने जा रही है.
गृह विभाग ने इसके लिए करीब 11 करोड़ रुपये का आवंटन जारी कर दिया है. इस प्रणाली को स्थापित करने में पुलिस आधुनिकीकरण के तहत केंद्र सरकार ने भी
सहयोग किया है. गृह विभाग ने अपने पहले चरण के लिए जो आवंटन आदेश दिया है, उसके तहत सभी सामानों की खरीद करके इसका उपयोगिता प्रमाणपत्र तीन महीने में जमा कर देना है.
डिजिटल होने से ये होंगे फायदे : डिजिटल प्रणाली पर संचार व्यवस्था शुरू होने से यह पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड हो जायेगा. संचार की सभी प्रक्रिया और संवादों का आदान-प्रदान कंप्यूटर पर आधारित हो जायेगी. डिजिटल प्रणाली के उपयोग से पुलिस के वायरलेस सेटों की क्षमता बढ़ोतरी हो जायेगी 5 से 10 गुना की. वायरलेस की आवाज, कनेक्टिविटी समेत वर्तमान में मौजूद तमाम खामियां होंगी दूर.
मोबाइल की तरह ही वायरलेस पर भी बिना किसी ध्वनि प्रदूषण के स्पष्ट बातचीत हो सकेगी. सुदूर और दूरस्थ इलाकों में भी वायरलेस की हर तरह से मिल सकेगी कनेक्टिविटी . किसी स्थान से संदेश को आसानी से सुना और भेजा जा सकेगा. कंप्यूटर आधारित पूरा सिस्टम होने से इसे एक स्थान से ही कंट्रोल किया जा सकेगा. जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों और देश के अन्य हिस्सों से भी राज्य पुलिस की वायरलेस से कनेक्टिविटी हो सकेगी.
वायरलेस का रेंज बेहतर होगा, किसी मौसम में सिग्नल की समस्या परेशान नहीं करेगी. कहीं से सिग्नल के लीक होने या बीच में किसी दूसरे के सुनने या हैक होने की समस्या नहीं रहेगी
वर्तमान प्रणाली में यह समस्या
वर्तमान में पुलिस की संचार प्रणाली एनालॉग आधारित है. यह प्रणाली पूरी तरह से आउटडेटेड हो चुकी है. यह कंप्यूटर आधारित नहीं है. इसे सिग्नल प्रणाली को एफएम रेडियो की फ्रीक्वेंसी पर भी बीच में सुना जा सकता है. इससे कई बार इसके लीक होने का खतरा काफी बना रहता है.
वर्तमान वायरलेस में ध्वनि प्रदूषण बहुत होता है. मौसम खराब होने या हवा तेज चलने या तोड़ी-सी विपरित स्थिति में सिग्नल की समस्या काफी होती है. वर्तमान में टीवी से लेकर तमाम इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली डिजिटल ही है.
कोट में………
चार चरणों में पूरा होगा डिजिटलाइजेशन
पुलिस की संचार प्रणाली को डिजिटल करने की पूरी प्रक्रिया चार चरणों में संपन्न होगी. पहला चरण पूरा होने के बाद दूसरा, फिर तीसरा तब चौथा चरण पूरा किया जायेगा. इस वर्ष के अंत तक चारों चरणों के पूरे हो जाने की संभावना है. चरणबद्ध तरीके से आधुनिकीकरण का काम पूर्ण होने से नये उपकरणों के प्रयोग की विधिवत ट्रेनिंग भी पुलिस महकमे के तमाम कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक को मिल जायेगी.

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