ससुराल में छिपा था बिल्डर, पकड़ाया
पटना : पटना मार्केट के गार्ड को हथियार के बल पर बंधक बनाने तथा दो मकानों की छतों को तोड़ने के मामले में पीरबहोर पुलिस ने आरोपित बिल्डर तसकीन आलम को गिरफ्तार कर लिया है. देर रात उसे आरके नगर स्थित उसकी ससुराल से गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने मंगलवार को उसे जेल भेज […]
पटना : पटना मार्केट के गार्ड को हथियार के बल पर बंधक बनाने तथा दो मकानों की छतों को तोड़ने के मामले में पीरबहोर पुलिस ने आरोपित बिल्डर तसकीन आलम को गिरफ्तार कर लिया है. देर रात उसे आरके नगर स्थित उसकी ससुराल से गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने मंगलवार को उसे जेल भेज दिया. पुलिस उसके हथियार को भी बरामद करेगी, जिसे लेकर वह पटना मार्केट में पहुंचा था. हथियार लाइसेंसी है या अवैध, इसके बारे में छानबीन की जा रही है. जानकारी के अनुसार पटना मार्केट के करीब दो दर्जन दुकानदारों ने सोमवार को डीआइजी शालीन से गुहार लगायी थी.
पटना : बिल्डरों व अवैध रूप से जमीन पर कब्जा करनेवाले माफियाओं के खिलाफ पुलिस का अभियानशुरू हो गया है. डीआइजी शालीन के आदेश पर 24 घंटे के अंदर ही पटना जिले के तमाम थानेदारों ने इन लोगों के खिलाफ दर्ज केसों की सूची भेज दी है. बताया जाता है कि इन भू-माफियाओं के खिलाफ विभिन्न थानों में 30 केस दर्ज हैं. डीआइजी अब इन तमाम केसों की अपने स्तर से समीक्षा करेंगे और उन केसों में अनुसंधानकर्ताओं ने क्या-क्या जांच या कार्रवाई की है, इसकी जांच करेंगे.
अगर किसी भी केस में अनुसंधानकर्ता द्वारा मामला दर्ज होने के बाद उचित कार्रवाई नहीं की गयी होगी, तो फिर उन पर कार्रवाई तय है. डीआइजी इन तमाम केसों की समीक्षा तीन दिन के अंदर करेंगे और फिर आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे. डीआइजी शालीन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह के मामलों में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए और किसी प्रकार की कोताही सामने आती है, तो फिर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
सूत्रों के अनुसार कोतवाली थाने में 11, कदमकुआं में एक, गांधी मैदान थाने में पांच, आलमगंज थाने में एक, बहादुरपुर थाने में एक, बुद्धा कॉलोनी थाने में एक, पाटलिपुत्र थाने में एक, जक्कनपुर थाने में एक, गर्दनीबाग थाने में दो, शास्त्रीनगर थाने में एक, एसके पुरी थाने में दो, हवाइ अड्डा थाने में दो मामले दर्ज हैं.
डीआइजी ने बताया कि अवैध रूप से भूमि पर कब्जा करने या फिर आमलोगों के साथ बिल्डरों द्वारा फर्जीवाड़े का मामला सामने आने पर तुरंत ही कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. इन मामलों में कार्रवाई धीमी गति से होने के कारण पुलिस की छवि धूमिल होती है, लेकिन अब वे खुद इन केसों पर नजर रखेंगे.