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रोड रेज की अधिकांश घटनाएं तो दिल्ली में होती है, क्या वहां ”जंगलराज” नहीं है : तेजस्वी यादव

नयीदिल्ली : बिहार में ‘जंगलराज की वापसी’ के बयान पर भाजपा पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज कहा कि अगर रोड रेज की घटना में एक युवक की हत्या इसका प्रतीक है तो फिर राष्ट्रीय राजधानी इससे अलग नहीं है. एक आधिकारिक दौरे पर राजधानीतेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा, अगर बिहार […]

नयीदिल्ली : बिहार में ‘जंगलराज की वापसी’ के बयान पर भाजपा पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आज कहा कि अगर रोड रेज की घटना में एक युवक की हत्या इसका प्रतीक है तो फिर राष्ट्रीय राजधानी इससे अलग नहीं है. एक आधिकारिक दौरे पर राजधानीतेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा, अगर बिहार में रोड रेज की एक घटना होती है और इसे ‘जंगल राज’ कहा जाता है तो रोड रेज की सबसे ज्यादा घटनाएं तो दिल्ली में होती हैं. तो क्या दिल्ली में ‘जंगलराज’ है?

तेजस्वी यादवने आगे कहा कि पाकिस्तानी झंडा देश की धरती पर फहराया गया तो क्या यह जंगलराज नहीं है?’ उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी सबसे सुरक्षित हवाईअड्डे में घुस जाते हैं तो क्या यह जंगलराज नहीं है? अगर मध्य प्रदेश में व्यापमं घोटाले में एक के बाद एक हत्या होती है, आईपीएस अधिकारी मारा जाता है तो कोई नहीं कहता कि वहां जंगलराज है. हरियाणा में इतना बड़ा दंगा हुआ और बलात्कार जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई लेकिन इसे ‘जंगल राज’ नहीं बताया जाता.’

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा कि बिहार के लोगों ने जिस तरीके से जदयू-राजद-कांग्रेस महागंठबंधन को वोट दिया वह भाजपा के कानों में अगले पांच वर्षों तक गूंजता रहेगा और यही उनकी चिंता का मुख्य कारण है. उन्हाेंने दावा किया कि बिहार में शराब बंदी लागू होने के बाद अपराध में कमी आयी है. उन्होंने कहाकिबिहार में जंगलराज नहीं है. इसे बढ़-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है. अपराधियों के खिलाफ तीव्र गति से कार्रवाई हो रही है. अपराधी को सख्त से सख्त सजा कोर्ट से दिलवायी जायेगी.

रेल मंत्री से राज्य में लंबित परियोजनाओं को शुरू करने का किया आग्रह
रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात केदौरानतेजस्वी यादव ने राज्य में रेलवे की चल रही कई योजनाओं की धीमी गति को तेज करने की मांग की. उपमुख्यमंत्री की ओर से पटना-दीघा रेल लाइन की जमीन को राज्य सरकार को हस्तांतरित करने की मांग की गयी. क्योंकि इस बारे में पहले ही राज्य सरकार और रेल मंत्री के बीच सहमति बन चुकी थी.

रेल मंत्रालय द्वारा 71 एकड़ जमीन 896 करोड़ रुपये भुगतान के आधार पर राज्य सरकार को हस्तांतरित करने की सहमति दी गयी है. जुलाई, 2015 में तत्कालीन रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के बीच बैठक में सहमति बनी थी कि उक्त जमीन बिना किसी मुआवजा के राज्य सरकार को हस्तांतरित किया जायेगा. बदले में राज्य सरकार द्वारा पूर्व में रेलवे को हस्तांतरित जमीन का मुआवजा रेलवे को वापस कर दिया जायेगा तथा शेष जमीन रेलवे को बिना मुआवजा के हस्तांतरित की जायेगी. उप मुख्यमंत्री ने रेलवे की निर्माणाधीन योजनाओं को भी समय से पूरा कराने की मांग रखी.

इसके साथ ही तेजस्वी ने एक मांग पत्र भी रेल मंत्री को सौंपा, जिसमें राज्य सरकार और रेल मंत्रालय की सहमति के बाद भी 53 आरओबी के समय से पूरा न हो पाने की चर्चा शामिल है. साथ ही डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर कई जगहों पर आरओबी का निर्माण भी मांग पत्र में शामिल है.

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