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BIHAR : सूबे में IPS ऑफिसरों की भारी कमी, स्वीकृत पद 231, कार्यरत 147, खाली 84

पटना : राज्य में विधि-व्यवस्था की कमान संभालनेवाले प्रमुख या शीर्ष अधिकारियों की जमात जरूरत से काफी कम है. आइपीएस अधिकारियों के स्वीकृत पदों (कैडर और नॉन-कैडर मिला कर) की संख्या 231 है, लेकिन वास्तविक रूप से राज्य में महज 147 अधिकारी तैनात हैं. कहने के लिए बिहार कैडर में आइपीएस अधिकारियों की संख्या 183 […]

पटना : राज्य में विधि-व्यवस्था की कमान संभालनेवाले प्रमुख या शीर्ष अधिकारियों की जमात जरूरत से काफी कम है. आइपीएस अधिकारियों के स्वीकृत पदों (कैडर और नॉन-कैडर मिला कर) की संख्या 231 है, लेकिन वास्तविक रूप से राज्य में महज 147 अधिकारी तैनात हैं. कहने के लिए बिहार कैडर में आइपीएस अधिकारियों की संख्या 183 है, लेकिन इसमें 36 या तीन दर्जन अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गये हुए हैं.
इस कारण वास्तविक रूप से राज्य में तैनात आइपीएस अधिकारियों की संख्या 147 ही रह जाती है. यानी राज्य में फील्ड से लेकर सचिवालय स्तर पर तैनात अधिकारियों की संख्या 147 ही है. इस तरह राज्य में अगर आइपीएस अधिकारियों की वास्तविक कमी देखी जाये, तो यह संख्या 84 हो जाती है. इतने ही अधिकारियों पर पूरे राज्य की विधि-व्यवस्था, योजना और कानून के रखरखाव की स्थिति बनाये रखने की जिम्मेवारी है.
सभी रैंक के अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर
जो 36 आइपीएस केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गये हुए हैं, उनमें 4 डीजी, 10 एडीजी, 12 आइजी, पांच डीआइजी और पांच एसपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं. केंद्र सरकार को राज्य सरकार ने कई बार आइपीएस अधिकारियों की संख्या बढ़ाने के लिए पत्र भी लिखा है, लेकिन इस पर अभी तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है.
वर्ष 2016 के दौरान तो बिहार कैडर के कोई आइपीएस अधिकारी रिटायर नहीं होने जा रहे हैं, लेकिन 2017 में तीन अधिकारी रिटायर हो रहे हैं. अगर अगले साल तक केंद्र की तरफ से अतिरिक्त अधिकारी नहीं मिले, तो बिहार कैडर में आइपीएस अधिकारियों की संख्या 183 से घट कर 180 रह जायेगी.
जूनियर स्तर के पद ज्यादा खाली
राज्य में सचिवालय या शीर्ष स्तर पर डीजी और एडीजी स्तर के अधिकारियों के तो सभी पद भरे हुए हैं. लेकिन, फील्ड स्तर पर एएसपी, एसपी और डीआइजी स्तर के अधिकारियों के पद बड़ी संख्या में खाली पड़े हुए हैं. डीआइजी के कैडर पदों की संख्या 25 है, जिनमें 19 ही भरे हुए हैं.
इसी तरह एसपी के कैडर पदों की संख्या करीब 90 है, लेकिन 68 ही भरे हैं. वहीं, डीजी रैंक के चार कैडर और पांच नॉन कैडर पोस्ट हैं, जो सभी भरे हैं. एडीजी के नौ कैडर और नौ नॉन कैडर पोस्ट हैं. ये भी भरे हुए हैं. इसी तरह आइजी रैंक के कैडर (संवर्गीय) रैंक के पोस्ट की संख्या 22 है. करीब इतने ही नॉन कैडर रैंक के भी पद हैं. दोनों मिला कर महज 35 पद भरे हुए हैं.
डीजी : 09
एडीजी : 18
आइजी : 35
डीआइजी : 19
एसपी : 68
एएसपी : 34
कुल : 183
केंद्रीय
प्रतिनियुक्ति : 36
बिहार में तैनात : 147
केंद्र को भेजा गया है प्रस्ताव
राज्य में आइपीएस अधिकारियों की रिक्तियों को भरने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है. डायरेक्ट कैडर के आइपीएस अधिकारियों की मांग से अवगत करा दिया गया है. इसके अलावा डीएसपी कैडर से प्रोन्नति के माध्यम से भी आइपीएस की सीटों को भरने की कवायद गृह विभाग ने शुरू कर दी है. दोनों तरह से अधिकारियों की कमी को दूर करने की कोशिश की जा रही है.
पीके ठाकुर, , डीजीपी
आइएएस अफसर चाहिए 342 अभी कार्यरत हैं सिर्फ 255
पटना : राज्य में जरूरत से 87 आइएएस अधिकारी कम हैं. इसके कारण एक-एक अफसर को चार विभागों का काम करना पड़ रहा है. इससे जहां सरकारी कामकाज के निबटाने में देरी होती है, वहीं अधिकारी भी काम के दबाव में होते हैं. राज्य सरकार में आइएएस अधिकारियों के 342 पद स्वीकृत हैं.
इनके एवज में 255 अधिकारी उपलब्ध हैं. सामान्य प्रशासन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आइएएस अधिकारियों की कमी के कारण मुख्य सचिव स्तर के दो पदाधिकारियों को अपने विभाग के अतिरिक्त दो-दो विभागों का काम निबटाना पड़ता है. इनमें कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी शामिल हैं.
प्रधान सचिव स्तर के 16 अफसर अपने मूल विभाग के अतिरिक्त एक से चार अन्य विभागों के काम निबटा रहे हैं. गृह विभाग के प्रधान सचिव अामिर सुबहानी को चार अन्य विभागों का भी काम करना पड़ रहा है. बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार को तीन विभाग, तो पीएचइडी की प्रधान सचिव अंशुली आर्या को अपने विभाग के अतिरिक्त तीन अन्य विभागों का कामकाज निबटाना पड़ रहा है. यही हाल कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा का है. उन्हें अपने विभाग के अतिरिक्त तीन अन्य विभागों के कामकाज करना पड़ रहा है.
यही हाल अन्य रैंक के अफसरों का भी है. सचिव स्तर के 13 अफसरों को एक से दो अतिरिक्त विभागों का बोझ है. विशेष सचिव स्तर के एक, अपर सचिव स्तर के सात और संयुक्त सचिव और इससे जूनियर स्तर के 18 अफसरों को भी अपने आवंटित विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों के कामकाज निबटाना पड़ता है.
विभागीय अधिकारी का कहना है कि राज्य को केंद्र से आइएएस अफसर का आवंटन होता है. बिहार को हर साल नौ से 10 आइएएस ही मिलते हैं, जो आवश्यकता से काफी कम हैं. इसका असर कामकाज पर पड़ता है.
वर्तमान में राज्य में कार्यरत आइएएस अफसर
पद संख्या
मुख्य सचिव के स्तर में 7
प्रधान सचिव 27
सचिव 20
विशेष सचिव 10
अपर सचिव 23
संयुक्त सचिव 74
कनीय पद 20
परीक्ष्यमान 9
दूसरे स्टेट कैडर से 2
वन सेवा 3
प्रमंडलीय आयुक्त 9
जिलाधिकारी 38
दूसरे सेवा के अधिकारी 12
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर 42
बिहार कैडर के दूसरे राज्य में 5

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