ग्राहक का पैसा चुकाने पर प्रियदर्शी के एमडी को बेल

पटना : सगुना मोड़ पर मौजूद प्रियदर्शी मोटर्स के एमडी निखिल प्रियदर्शी को पुलिस ने गुरुवार को दिन में गिरफ्तार कर लिया. उस पर धोखाधड़ी का केस दर्ज है. उसने 17 माह पहले एक ग्राहक से बोलेरो गाड़ी का पूरा पैसा लिया था, लेकिन उसे गाड़ी नहीं दी. छह माह पहले उसके खिलाफ दानापुर थाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2016 7:15 AM
पटना : सगुना मोड़ पर मौजूद प्रियदर्शी मोटर्स के एमडी निखिल प्रियदर्शी को पुलिस ने गुरुवार को दिन में गिरफ्तार कर लिया. उस पर धोखाधड़ी का केस दर्ज है. उसने 17 माह पहले एक ग्राहक से बोलेरो गाड़ी का पूरा पैसा लिया था, लेकिन उसे गाड़ी नहीं दी.
छह माह पहले उसके खिलाफ दानापुर थाने में कांड संख्या 690/15 दर्ज किया गया था, लेकिन स्थानीय पुलिस की मिलीभगत के कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही थी. धोखाधड़ी के केस को प्रमुखता से देख रहे डीआइजी शालीन ने जब रूपसपुर और दानापुर पुलिस की संयुक्त टीम को सख्त निर्देश दिया, तो उसे घर से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने उसे सीजीएम के कोर्ट में पेश किया है. कोर्ट ने ब्याज समेत पूरा पैसा लौटने का आदेश दिया. ब्याज समेत नौ लाख रुपये लौटाने पर कोर्ट ने उसे जमानत दे दी.
क्या था मामला : ऊर्जा नगर खगौल के रहनेवाले तारकेश्वर प्रसाद राय ने 15 जनवरी, 2015 को प्रियदर्शी मोटर्स में बोलेरो की बुकिंग करायी थी. इस दौरान एक लाख कैश और 23 जनवरी को छह लाख 9992 रुपये का बैंक ड्राफ्ट तारकेश्वर से लिया गया. इसके बाद भी उसे दौड़ाया जा रहा था.
इन लोगों पर हुई थी प्राथमिकी : चारों तरफ से परेशान होने के बाद तारकेश्वर ने एमडी निखिल प्रियदर्शी, सेल्स मैनेजर अरविंद, शैलेंद्र तथा आरा के रोहित ऑटो मोबाइल्स के मालिक रितेश सिंह तथा मैनेजर अमितेश सिंह के खिलाफ छह दिसंबर, 2015 को 406 और 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस केस में पांचों आरोपितों ने सिविल कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दिया था, लेकिन कोर्ट ने पैसा वापस करने का आदेश देते हुए जमानत खारिज कर दी थी. अब निखिल प्रियदर्शी को गिरफ्तार किया गया है. इसके पहले भी बैंक से लोन लेकर धोखाधड़ी का मामला उस पर दर्ज है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
कहते हैं डीआइजी : इस संबंध में डीआइजी शालीन ने कहा कि व्हाट्सएप पर सूचना मिली थी कि गिरफ्तारी के आदेश के बावजूद गिरफ्तारी नहीं हो रही है. इस पर रूपसपुर और दानापुर थाने को लगाया गया और एजेंसी मालिक को गिरफ्तार किया गया. बाद में पैसा चुकाने पर कोर्ट से उसकी जमानत हो गयी. उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. थाना स्तर पर मामले को मैनेज करने की कोशिश की गयी, तो थानेदार पर भी कार्रवाई होगी.

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