एक माह बाद भी खाली हैं एसआइटी के हाथ

छात्रवृत्ति घोटाला : किसी की गिरफ्तारी नहीं पटना : पटना जिले में प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में एसआइटी यानी स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम अब तक फिसड्डी साबित हुई है. सिटी एसपी के नेतृत्व में यह कमेटी बनायी गयी थी, ताकि लगभग दो करोड़ रुपये के गबन के मामले के आरोपितों की गिरफ्तारी हों. लेकिन, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2016 7:24 AM
छात्रवृत्ति घोटाला : किसी की गिरफ्तारी नहीं
पटना : पटना जिले में प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में एसआइटी यानी स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम अब तक फिसड्डी साबित हुई है. सिटी एसपी के नेतृत्व में यह कमेटी बनायी गयी थी, ताकि लगभग दो करोड़ रुपये के गबन के मामले के आरोपितों की गिरफ्तारी हों.
लेकिन, एक महीना बाद भी जांच का कोई भी परिणाम सामने नहीं आया है. गबन के 20 से ज्यादा आरोपितों की गिरफ्तारी तो दूर की बात है, अब तक किसी के पते की जांच भी नहीं हो सकी है. इस घोटाले की तह तक पहुंचना अब मुश्किल होता जा रहा है. बैंक में फर्जीवाड़ा करते पकड़े गये अविनाश कुमार, निधि कुमारी, गिन्नी देवी और पंकज कुमार पर एफआइआर के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी. इसके अलावा एक भी आरोपित शिकंजे में नहीं आ सके हैं.
आठ अप्रैल को डीडीसी अमरेंद्र कुमार की जांच रिपोर्ट में 1.38 करोड़ रुपये गबन का खुलासा हुआ था. नौ अप्रैल को गबन के आरोपित 15 खाताधारियों पर एफआइआर होने के बाद भी एसआइटी की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी है. डीडीसी की जांच रिपोर्ट में शिक्षा और कल्याण विभाग के तीन लिपिक को दोषी करार दिया गया था. इसके पहले 11 मार्च को पांच लाेगों पर केस किया गया था, जिसमें शिक्षा विभाग का क्लर्क मनोज कुमार भी शामिल है. उसने कोर्ट से बेल ले लिया और उसके बाद से वह खुलेआम घूम रहा है. कल्याण विभाग उस पर दोबारा एफआइआर करने के लिए कानूनी मदद ले रहा है.
ये नामजद, पर एक भी नहीं धराये
जिला कल्याण पदाधिकारी ने गांधी मैदान थाने में 15 खाताधारियों पर केस दर्ज किया था. इसमें कांति देवी कल्याणपुर पटना, भाेला कुमार बीएमदास रोड पटना, गौतम कुमार व अशोक कुमार माधोपुर जहानाबाद, कुमार विकास सरिस्ताबाद, सुमित गुप्ता बाकरगंज, मंटू यादव सोनियावां, सरोज कुमार सैदाबाद, रूपेश कुमार एनआइटी नागपुर, राजीव रंजन मीठापुर, गोपाल कुमार, श्रवण कुमार व प्रमोद कुमार मखनियाकुआं, कविता देवी, सुरुचि देवी और अन्य शामिल थे.
मांगी स्टेटस रिपोर्ट
जिला प्रशासन चाह रहा है कि इस घोटाले में शामिल सभी लोग पकड़े जायें. पुलिस की टीम कुछ आरोपितों को पकड़े तब बड़े नेक्सस का खुलासा होगा. एक महीना तक कोई गिरफ्तारी नहीं होने के कारण जांच टीम के प्रमुख डीडीसी अमरेंद्र कुमार ने स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. डीडीसी ने बताया कि इससे घोटाले की परतें और खुल कर सामने आयेगी.

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