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दो माह में बिपुसे के अफसर बनेंगे आइपीएस

पटना : राज्य को आइपीएस अधिकारियों की कमी से थोड़ी राहत मिल सकती है. इस वर्ष आगामी दो-तीन महीनों में बिहार पुलिस सेवा (बिपुसे) या डीएसपी रैंक के अधिकारियों को आइपीएस में प्रोन्नति मिलने वाली है. पिछले वर्ष डीपीसी की बैठक नहीं होने के कारण प्रोन्नति नहीं हो पायी थी. इस बार गृह विभाग में […]

पटना : राज्य को आइपीएस अधिकारियों की कमी से थोड़ी राहत मिल सकती है. इस वर्ष आगामी दो-तीन महीनों में बिहार पुलिस सेवा (बिपुसे) या डीएसपी रैंक के अधिकारियों को आइपीएस में प्रोन्नति मिलने वाली है. पिछले वर्ष डीपीसी की बैठक नहीं होने के कारण प्रोन्नति नहीं हो पायी थी.
इस बार गृह विभाग में इससे संबंधित कवायद शुरू हो गयी है. जल्द ही संबंधित फाइल को अंतिम प्रक्रिया पूरी करने के लिए यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) भेज दिया जायेगा. जहां होने वाली डीपीसी (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) की बैठक में इस पर अंतिम रूप से सहमति दी जायेगी. तमाम प्रक्रियाएं पूरी करने में करीब दो से तीन महीने का समय लग जायेगा. पिछले और वर्तमान साल की रिक्तियां मिला कर राज्य को नन-कैडर कोटा से लगभग 15 प्रोमोटेड आइपीएस मिल जायेंगे. नन-कैडर कोटे से आइपीएस अधिकारी मिलने से आने वाले कुछ महीने में करीब 15 पुलिस अधिकारियों की संख्या बढ़ेगी.
इसके अलावा केंद्र की तरफ से सीधी भर्ती वाले या आइपीएस कैडर से भी 3 से 5 अधिकारी मिल सकते हैं. इस वर्ष केंद्र के कैडर पोस्ट वाले अधिकारियों को भी राज्य को देने की संभावना है. इस तरह राज्य को इस वर्ष 20-22 अधिकारी मिलने के आसार है. वाबजूद इसके इनके बड़े स्तर पर मौजूद कमी को दूर करना फिलहाल मुश्किल होगा. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गये अधिकारियों को छोड़कर राज्य में अभी 84 अधिकारियों की कमी है.
राज्य में एक तो आइपीएस की कमी है. वहीं, राज्य में नन-कैडर पोस्ट से आइपीएस में प्रोन्नत अधिकारियों के लिए से चिन्हित हैं. इसमें बीएमपी कमांडेंट, ट्रैफिक एसपी, स्टॉफ ऑफिसर समेत अन्य पद शामिल हैं. इनमें स्टॉफ ऑफिसर और ट्रैफिक एसपी के कुछ एक पदों को छोड़ कर अन्य सभी पदों पर आइएएस अधिकारी ही तैनात हैं. जबकि राज्य सरकार ने आइपीएस में प्रोन्नति के लिए अपनी तरफ से हर स्तर पर फिट मान कर बिपुसे के 32 पदाधिकारियों की ‘सेलेक्ट’ लिस्ट तैयार कर रखी है.
इससे यह होगी प्रशासनिक सुविधा
इस ‘सेलेक्ट लिस्ट’ में चयनित पदाधिकारियों में कई को आइपीएस कैडर का वेतनमान भी मिल रहा है. फिर भी इनकी तैनाती आइपीएस के नन-कैडर या कैडर पदों पर नहीं की जा रही है.
अगर सेलेक्ट लिस्ट के अधिकारियों को कैडर पोस्टों पर पदस्थापित किया जाता है, तो राज्य में खाली पड़े या कई आइपीएस के पास अतिरिक्त प्रभार में चल रहे कई पदों पर अधिकारी मिल जायेंगे. इससे प्रशासनिक काम भी आसानी से हो पायेगा. अधिकारियों की कमी के कारण उत्पन्न समस्या काफी हद तक दूर हो सकेगी.
कोट में ……
इस वर्ष बिपुसे के पदाधिकारियों की आइपीएस में प्रोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. आने वाले कुछ महीनों में इस मामले में सहमति बनने की संभावना है. सेलेक्ट लिस्ट अभी नहीं तैयार हुई है. यूपीएससी से अंतिम अनुमति मिलने के बाद ही लिस्ट को सेलेक्ट लिस्ट कहा जाता है. जहां तक नन-कैडर पोस्ट में बिपुसे के सीनियर अधिकारियों को पदस्थापित करने की बात है, तो यह जरूरत के हिसाब से अस्थायी तौर पर किया जा सकता है.
पी के ठाकुर, डीजीपी (बिहार)

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