वरदी वाले भू-माफिया पर नकेल

वायरलेस पर डीआइजी ने 24 घंटे में पुलिस वालों पर दर्ज मामलों की सूची थानों से मांगी है. डीआइजी जमीन कब्जा करने-कराने, शह देने, मारपीट करने, धमकाने के आरोपित पुलिसकर्मियों की फाइलों की समीक्षा करेंगे पटना : वरदी वाले भू-माफियाओं की अब खैर नहीं. थाने की जीडी में दर्ज उनके केस की फाइलें खोली जायेंगी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2016 7:55 AM
वायरलेस पर डीआइजी ने 24 घंटे में पुलिस वालों पर दर्ज मामलों की सूची थानों से मांगी है. डीआइजी जमीन कब्जा करने-कराने, शह देने, मारपीट करने, धमकाने के आरोपित पुलिसकर्मियों की फाइलों की समीक्षा करेंगे
पटना : वरदी वाले भू-माफियाओं की अब खैर नहीं. थाने की जीडी में दर्ज उनके केस की फाइलें खोली जायेंगी. पुलिस कर्मी के द्वारा जमीन कब्जा करने, कब्जा कराने, किसी भू-माफिया के इशारे पर आम लोगों को डराने-धमकाने और मारपीट करने के जो मामले अब तक पुलिस वालों पर दर्ज हुए हैं, उनकी समीक्षा डीआइजी शालीन करेंगे. उन्होंने शनिवार की शाम वायरलेस पर मैसेज पास करके 24 घंटे में ऐसे केसों की सूची तलब की है. तमाम केसों से जुड़े पीड़ित पक्षों को कार्यालय में बुलाया गया है.
सूत्रों के अनुसार पटना शहर और कस्बाई इलाकों में लगातार फ्रॉड बिल्डरों पर नकेल कसे जाने से हड़कंप मची हुई है. बिल्डरों के केसों की समीक्षा, वारंट जारी होने के बाद गिरफ्तारी की स्थिति, उनके बेल बांड का सत्यापन कराये जाने की प्रक्रिया से खलबली मची हुई है.
डीआइजी की समीक्षा में कुछ केसों में थाना स्तर से मामले को दबाये जाने और भूमिफियाओं से मिलीभगत के संकेत मिलने के बाद इसी कड़ी में दूसरी पहल की गयी है. अब जमीन विवाद में जिन वरदीधारियों पर दाग लगे हैं और उन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उनके केसों की समीक्षा की जायेगी. इस बाबत डीआइजी ने वायरलेस सेट से मैसेज पास कर इस तरह के मामलों की सूची मांगी है. रविवार की शाम पांच बजे तक पटना जिले के सभी थानेदारों को सूची देनी है.
फ्रॉड बिल्डरों के बेल बांड का सत्यापन शुरू : डीआइजी ने फ्रॉड बिल्डरों के बेल बांड का सत्यापन शुरू करा दिया है. इसमें देखा जा रहा है कि किन लोगों ने झूठे दस्तावेज लगा कर कोर्ट को गुमराह किया है और जमानत ली है.
ऐसे लोगों पर केस दर्ज होंगे. अगले सप्ताह डीआइजी सत्यापन की भी समीक्षा करेंगे. बिल्डर अनिल सिंह के दो केस में फर्जी कागजात सामने आने के बाद डीआइजी ने कुल 30 केसों में आरोपित पटना जिले के बिल्डरों के भी बेल बांड की समीक्षा करने का फैसला किया है.

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