मेयर ने फिर उठाया नगर आयुक्त की कार्यशैली पर सवाल

पटना : मेयर अफजल इमाम ने एक बार फिर नगर आयुक्त की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. उन्होंने नगर विकास मंत्री को पत्र लिख कर मामले की जांच कराने का आग्रह किया है. इस बार मामला दुकानों के आवंटन से जुड़ा है. मेयर का कहना है कि दुकानों को पुराने सीमांकन पर ही आवंटन करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2016 7:56 AM
पटना : मेयर अफजल इमाम ने एक बार फिर नगर आयुक्त की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. उन्होंने नगर विकास मंत्री को पत्र लिख कर मामले की जांच कराने का आग्रह किया है. इस बार मामला दुकानों के आवंटन से जुड़ा है. मेयर का कहना है कि दुकानों को पुराने सीमांकन पर ही आवंटन करने की तैयारी नगर आयुक्त कर रहे हैं जबकि सात मई को ही सशक्त स्थायी समिति की बैठक में तत्कालीन नगर आयुक्त के नेतृत्व में हुए सीमांकन को रद्द कर दिया गया था.
यही नहीं वर्तमान नगर आयुक्त को नये सिरे से नामांकन कर पिछले हिस्से की दुकान 11 महीने के लिए किरायेनामे पर दुकानों का आवंटन करने का निर्देश दिया गया लेकिन नगर आयुक्त ने इस पर कोई रूचि नहीं ली है. सशक्त स्थायी समिति की बैठक में यही निर्णय लिया गया कि पूर्व में राज्य सरकार और निगम बोर्ड उस जमीन पर चंद्रलोक मार्केट कांपलेक्स बनाने का निर्णय ले चुकी है. इस लिए आगे की ओर दुकान देना उचित नहीं है.
नियमों को दरकिनार कर अंचलों को हुआ आवंटन
इसके साथ ही मेयर ने अंचलों को देने वाली सरकारी राशि में भी नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगाया है. मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि नगर पालिका अधिनियम 2007 के तहत नगर आयुक्त को 60 लाख रुपये से अधिक खर्च करने पर सशक्त स्थायी समिति निगम बोर्ड से अनुमति लेना जरूरी है लेकिन नाला उड़ाही के नाम पर एनसीसी को 3.33 करोड़, बांकीपुर को 1.61 करोड़, कंकड़बाग को 1.07 करोड़ और पटना सिटीअंचल को 1.50 करोड़ भेज दिया गया. इसकी जानकारी भी स्थायी समिति निगम बोर्ड को नहीं दी गयी.
इससे पहले हर साल नाला उड़ाही से संबंधित पूरी राशि आवंटन करने के लिए सशक्त स्थायी समिति निगम बोर्ड में प्रस्ताव आता था.
18 अप्रैल को हुई निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने इस बात की जानकारी राज्य सरकार को देने का प्रस्ताव पारित किया है जिसके बाद यह जानकारी सरकार को दी जा रही है.

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