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निदेशक का आदेश नहीं मानते डाॅक्टर व कर्मचारी

पटना : आइजीआइएमएस निदेशक का आदेश अस्पताल के डॉक्टर, नर्स व कर्मचारी नहीं मानते हैं. शायद यही कारण है कि पिछले आठ माह में कई निर्देश जारी किये गये, लेकिन इनका पालन अब तक नहीं हो सका है. इमरजेंसी से लेकर वार्ड में मरीज डॉक्टरों को पहचान नहीं पाते हैं. जब डॉक्टर मरीज के बारे […]

पटना : आइजीआइएमएस निदेशक का आदेश अस्पताल के डॉक्टर, नर्स व कर्मचारी नहीं मानते हैं. शायद यही कारण है कि पिछले आठ माह में कई निर्देश जारी किये गये, लेकिन इनका पालन अब तक नहीं हो सका है. इमरजेंसी से लेकर वार्ड में मरीज डॉक्टरों को पहचान नहीं पाते हैं. जब डॉक्टर मरीज के बारे में पूछते हैं, तो मरीज के परिजन पहले उनके बारे में पूछने लगते हैं.

इसको लेकर कई बार हंगामा भी हो चुका है. इसकी शिकायत जब निदेशक तक पहुंची, तो उन्होंने डॉक्टरों को एप्रॉन पहनने को कहा. लेकिन, दो-चार डॉक्टर ही एप्रॉन पहनने को तैयार हुए. हालात ऐसे हैं कि आइसीयू में महिला डॉक्टर जिंस पहन कर भी ड्यूटी करती हैं.

दिये कई आदेश, पर पालन नहीं :
आदेश : सभी डॉक्टरों व पारा मेडिकल कर्मी को कार्य अवधि में एप्रॉन व यूनिफॉर्म में रहना अनिवार्य.
हकीकत : दो-चार डॉक्टर ही एप्रॉन में नजर आते हैं. जबकि, अस्पताल के अन्य कर्मी यूनिफॉर्म नहीं पहनते हैं. इस कारण मरीजों को परेशानी होती है और कभी-कभी हंगामा भी होता है.
आदेश : महत्वपूर्ण जगहों पर कार्यरत डॉक्टरों की सूची लगे.
हकीकत : यह काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. इस कारण मरीजों को परेशानी होती है और उन्हें भटकना पड़ता है.
आदेश : इमरजेंसी, वार्ड व परिसर के महत्वपूर्ण स्थानों पर मिलेगी सुविधा की जानकारी.
हकीकत : ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बनायी गयी है. जिन लोगों पर परिसर की जिम्मेवारी है उन्हें खुद नहीं मालूम है कि कौन सी व्यवस्था कहां है.
आदेश : परिसर में दस जगहों पर लगायी जायेगी शिकायत पेटी.
हकीकत : शिकायत पेटी नहीं लगायी गयी है. इस कारण किसी मरीज को शिकायत करनी भी हो, तो उन्हें मालूम नहीं होता है कि वह कहां शिकायत करें.
आदेश : अस्पताल प्रबंधन नर्सिंग स्टाफ, नियमित व आउटसोर्स पर कार्य करने वाले सभी कर्मियों को पुन: प्रशिक्षण देगा.
हकीकत : एक बार कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया था. लेकिन, कर्मचारी पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं हो सके, इसी वजह से इसका फायदा मरीजों को नहीं मिल पा रहा है.
आदेश : अनुशासन तोड़ने वाले डॉक्टर व कर्मी को देना होगा स्पष्टीकरण.
हकीकत : अस्पताल के डॉक्टर हर दिन निजी प्रैक्टिस करते हैं. ओपीडी में देर से आते हैं. कर्मी आराम से काम करते हैं, इस कारण काउंटर पर लंबी कतार लग जाती है. इसके बावजूद किसी से स्पष्टीकरण नहीं मांगा जाता है.
आदेश : दलालों पर लगेगा अंकुश.
हकीकत : दलालों को पकड़ने के लिए टीम बनायी गयी, लेकिन यह टीम काम नहीं करती है. इस कारण दलाल मरीजों को बहला कर निजी अस्पतालों में ले जाते हैं और सुरक्षा कर्मी आराम से तमाशा देखते रहते हैं.
डॉक्टरों से मांगा गया है स्पष्टीकरण
अस्पताल में आनेवाले मरीजों को इलाज के दौरान परेशानी नहीं हो, इसके लिए कई निर्णय लिए गये हैं. परिसर में काम करने वाले डॉक्टरों व कर्मियों को मरीज और उनके परिजन पहचान सकें, इसके लिए परिसर में यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य है. यूनिफॉर्म नहीं पहनेवाले कई डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
डॉ एनआर विश्वास, निदेशक

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