निगरानीवाद में पिछले डेढ़ माह में सिर्फ एक पर फैसला सुनाया गया

पटना : निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण के खिलाफ निगम प्रशासन ने अभियान चलाया और स्वीकृत नक्शा में विचलन करनेवाले भवनों के खिलाफ निगरानीवाद केस दर्ज किया गया. नगर आयुक्त के कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि, वर्तमान में स्थिति यह है कि पिछले डेढ़ माह में सिर्फ एक निगरानीवाद केस में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2016 7:02 AM
पटना : निगम क्षेत्र में अवैध निर्माण के खिलाफ निगम प्रशासन ने अभियान चलाया और स्वीकृत नक्शा में विचलन करनेवाले भवनों के खिलाफ निगरानीवाद केस दर्ज किया गया. नगर आयुक्त के कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि, वर्तमान में स्थिति यह है कि पिछले डेढ़ माह में सिर्फ एक निगरानीवाद केस में नगर आयुक्त का फैसला सुनाया गया है.
200 केसों पर सुनवाई
वर्ष 2013-14 में निगम प्रशासन ने निगम क्षेत्र के करीब 11 सौनिर्माणाधीन अपार्टमेंटों को जांच करने के लिए चिह्नित किया. इसमें से सात सौ भवनों की जांच की गयी और विलचन करने के आरोप में निगरानीवाद केस दर्ज किया गया. इसमें वर्तमान में करीब दो सौ निगरानीवाद केस की सुनवाई नगर आयुक्त के कोर्ट में चल रही है.
नगर आयुक्त को सप्ताह में दो दिन कोर्ट लगाना है. लेकिन, व्यस्तता के कारण कई-कई सप्ताह तक कोर्ट नहीं लगता है. इससे निगरानीवाद केस की सुनावई की रफ्तार काफी धीमी हो गयी है.
अधिकारियों की है कमी
निगम मुख्यालय में अधिकारियों की भारी कमी हो गयी है. निगम में कार्यरत निगरानी पदाधिकारी लंबी छुट्टी पर चल रहे हैं और प्रभार में मुमुक्षु कुमार चौधरी है. चौधरी को सात और शाखाओं का प्रभार दिया गया है. इससे निगरानी शाखा में सिर्फ रूटीन कार्य का ही निष्पादित किये जा रहे हैं. इसके साथ ही नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशेाक का मुख्य फोकस नाला उड़ाही कार्य पर है, ताकि मॉनसून के दौरान जलजमाव की समस्या नहीं हो. इस स्थिति में केस की सुनवाई और फैसला सुनाने का कार्य धीमा हो गया है.

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