सात माह से लड़ रही एसिड अटैक पीड़िता, अब तो देख भी नहीं पायेगी रोशनी
बढ़ी परेशानी : सात माह से लड़ रही एसिड अटैक पीड़िता, इलाज नहीं होने से आंख खराब रिंकू झा पटना : ‘मेरा क्या कसूर था, मैंने तो उससे प्यार भी नहीं किया था, लेकिन उसने मेरे ऊपर एसिड फेंक दिया. एसिड के कारण मेरा पूरा चेहरा बरबाद हो गया. मैं ठीक से सुन नहीं पाती […]
बढ़ी परेशानी : सात माह से लड़ रही एसिड अटैक पीड़िता, इलाज नहीं होने से आंख खराब
रिंकू झा
पटना : ‘मेरा क्या कसूर था, मैंने तो उससे प्यार भी नहीं किया था, लेकिन उसने मेरे ऊपर एसिड फेंक दिया. एसिड के कारण मेरा पूरा चेहरा बरबाद हो गया. मैं ठीक से सुन नहीं पाती हूं. लेकिन अब तो मेरा आंख भी काम करना बंद कर रहा है. दिखाई नहीं देता है. किसी की आवाज पहचानने में प्रॉब्लम होती थी, तो उसे देख कर पहचान लेती थी, लेकिन अब तो दिखाई भी नहीं देता है….’ एसिड पीड़िता का यह दर्द उसके जीवन का हर पल कठिन बना रहा है. अभी तक सुनाई नहीं दे रहा था, अब उसे दिखाई भी काफी कम देने लगी है.
ज्ञात हो कि 12 सितंबर, 2015 को नवादा की रहनेवाली रोशनी (बदला हुआ नाम) के ऊपर उनके गांव के ही एक लड़के ने रात में सोते समय एसिड फेंक दिया था.
42 फीसदी जल गयी थी पीड़िता : एसिड अटैक से रोशनी लगभग 42 फीसदी जल गयी थी. इससे नवादा सदर अस्पताल से उसे रेफर कर पटना पीएमसीएच भेजा गया. पीएमसीएच में इलाज सही से नहीं हुआ. इसके बाद उसके पटना बाइपास के पास प्राइवेट हाॅस्पिटल में भरती करवाया गया.
वहां उनकी जिंदगी तो बच गयी, लेकिन इलाज रेगुलर नहीं हो पाया. इससे उसके कान, नाक और अब आंख पर भी असर होने लगा है. रोशनी सात माह से अपाहिज की जिंदगी जी रही है.
शंकर नेत्रालय जाना चाहती है रोशनी : रोशनी अपनी आंखों को बचाने के लिए शंकर नेत्रालय, चेन्नई जाना चाह रही है, लेकिन उसके पास पैसे नहीं हैं. पीड़िता के लिए काम कर रही परिवर्तन संस्था की वर्षा ने बताया कि समय रहते अगर इलाज होता, तो रोशनी की आंखों को बचाया जा सकता था. शंकर नेत्रालय जाने से शायद आंख बच जाये. क्योंकि एसिड ने धीरे-धीरे अंदर तक नुकसान कर दिया है.
महज तीन लाख दिये गये हैं मुआवजे में
सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में एसिड पीड़िता चंचल के प्रसंग में राज्य सरकार से 13 लाख मुआवजा देने का निर्देश दिया था. साथ में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चंचल एसिड के कारण 28 फीसदी जली, अगर इससे अधिक कोई एसिड से जला हो, तो उसकी मुआवजा राशि को राज्य सरकार बढ़ाये.
2013 में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 867/13 रेप पीटिशन परिवर्तन केंद्र बनाम भारत सरकार के संदर्भ में आया था. इस संबंध में परिवर्तन केंद्र की वर्षा ने बताया कि चंचल 28 फीसदी जली थी, तो उसे 13 लाख मुआवजा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था. लेकिन अब तक चंचल को मात्र पांच लाख ही मुआवजा मिला है. वहीं रोशनी 42 फीसदी जली हुई है, लेकिन रोशनी को तीन लाख ही मुआवजा दिया गया है. इससे इलाज में कठिनाई हो रही है.