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तीन मरीज मरे, 38 ऑपरेशन टले
पीएमसीएच. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, मरीजों की बढ़ी परेशानी अलग-अलग सरकारी अस्पतालों से 25 डॉक्टर किये गये तैनात पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये हैं, इससे सोमवार को इलाज के अभाव में तीन मरीजों की मौत हो गयी, 38 ऑपरेशन भी टाल दिये गये. पटना : पीएमसीएच में रविवार की देर शाम छात्रों […]
पीएमसीएच. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, मरीजों की बढ़ी परेशानी
अलग-अलग सरकारी अस्पतालों से 25 डॉक्टर किये गये तैनात
पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये हैं, इससे सोमवार को इलाज के अभाव में तीन मरीजों की मौत हो गयी, 38 ऑपरेशन भी टाल दिये गये.
पटना : पीएमसीएच में रविवार की देर शाम छात्रों व जूनियर डॉक्टरों की बीच हुई मारपीट का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा. सोमवार को जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गये, इससे 38 ऑपरेशन टल गये. वहीं, समुचित इलाज नहीं होने के कारण पटना सिटी की पिंकी कुमारी सहित तीन मरीजों की मौत हो गयी.
लेकिन, इन मौतों की जिम्मेवारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है. अस्पताल के सीनियर डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टरों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने. मालूम हो कि पीएमसीएच में करीब 400 डॉक्टर हैं, जिसमें 250 डॉक्टर हड़ताल पर चले गये हैं.
नर्सों के भरोसे मरीज : इमरजेंसी से लेकर वार्डों में भरती मरीजों को कोई देखने वाला नहीं था. मरीजों को नर्सों के भरोसे छोड़ दिया गया था. कई गंभीर मरीज निजी अस्पतालों में चले गये. पटना सहित अन्य जिलों से मरीजों का इलाज सही ढंग से नहीं हो सका. ऐसे मरीज परिसर में भटकते नजर आये.
अोपीडी में भी इलाज बाधित : सोमवार होने की वजह से सुबह ओपीडी में काफी भीड़ थी. हड़ताल का असर यहां भी देखा गया. नये मरीज जो परची कटाकर ओपीडी में जा रहे थे, वे बिना इलाज कराये ही बाहर आ जा रहे थे. ओपीडी में डायरिया व संक्रमण से पीड़ित मरीजों की संख्या ज्यादा थी. मरीजों की संख्या के अनुसार यहां काफी कम डॉक्टर थे. इस कारण कई मरीज निजी अस्पतालों में इलाज कराने चले गये. क्षेत्रीय निदेशक डॉ केके मिश्रा ने बताया कि 25 अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती कर दी गयी है.ये डॉक्टर पटना जिले के पीएचसी, रेफरल अस्पताल, राजकीय अस्पतालों से बुलाये गये थे.
पटना : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टर पीएमसीएच में घटी घटना के बाद उनके समर्थन में हड़ताल पर चले गये है. सोमवार की सुबह से समर्थन में हड़ताल पर गये कनीय चिकित्सकों के नहीं रहने से उपचार व्यवस्था बाधित होने लगी. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के एनएमसीएच इकाई के अध्यक्ष विजय शंकर प्रसाद सिंह ने बताया बिहार में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को प्रभावी बनाने, दोषी पुलिसकर्मी व पदाधिकारी पर कार्रवाई की मांग को लेकर उनका यह हड़ताल अनिश्चितकालीन होगा. कनीय चिकित्सकों ने पीएमसीएच के प्राचार्य की ओर से की गयी कार्य की आलोचना भी की. अध्यक्ष ने बताया कि सोमवार की सुबह हड़ताल पर जाने की लिखित जानकारी अस्पताल अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह को दे दी है.
मरीजों की बढ़ी परेशानी : सोमवार की सुबह से कनीय चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने की स्थिति में अस्पताल के इमरजेंसी, महिला व प्रसूति विभाग व शिशु रोग विभाग की इरमजेंसी के साथ-साथ विभागों में भरती मरीजों की परेशानी भी बढ़ गयी है.
ओपीडी में उपचार कराने आये मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बाद अस्पताल प्रशासन गंभीर हो गया. इमरजेंसी का अधिकांश काम जूनियर डॉक्टरों के भरोसे ही संचालित होता है. विभागों में भी जूनियर डॉक्टर ही अपनी सेवा देते हैं.
अध्यक्ष के अनुसार अस्पताल में लगभग 250 कनीय चिकित्सक है, जिसमें 160 जूनियर, पीजी स्टूडेंट व जूनियर रेसीडेंट शामिल है.
सिविल सर्जन को लिखा : अस्पताल के अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बाद नव नियुक्त जूनियर रेसीडेंट की ड्यूटी इमरजेंसी, शिशु रोग विभाग व महिला प्रसूति विभाग में लगायी गयी है. साथ ही चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति के लिए सिविल सर्जन को भी लिखा गया है. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के एनएमसीएच इकाई के अध्यक्ष विजय शंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि मांगें नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा.
पटना : पटना मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा का जब तक ट्रांसफर या वे रिजाइन नहीं देते, तब तक जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल चलती रहेगी. उक्त बातें जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने कहीं. हड़ताल पर गये डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा के कहने पर ही इंजीनियरिंग के छात्रों ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की. डॉक्टरों ने कहा कि इमरजेंसी में जब इंजीनियरिंग के छात्र हंगामा कर रहे थे, उस समय प्रिंसिपल ने डॉक्टरों को मारने का आदेश दिया था. नतीजा पहली बार बाहरी लोगों का मनोबल इतना अधिक बढ़ा और वार्ड के अलावा हॉस्टल में घुस कर मेडिकल छात्रों की बुरी तरह से पिटाई की गयी है. इसलिए, हम स्वास्थ्य मंत्री से प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा का ट्रांसफर या फिर रिजाइन की मांग करते हैं.
जूनियर डॉक्टरों के पक्ष में उतरा भासा
पटना : जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में सोमवार को बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ भी आ गया. संघ के महासचिव डॉ रणजीत कुमार कहा कि डॉक्टरों पर हमला बंद हो. पीएमसीएच सहित सूबे के अन्य अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था करने की संघ ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की. वहीं, मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच, दरभंगा में डीएमसीएच एवं गया में एएनएमएनसीएच के डॉक्टर भी समर्थन में आए व हड़ताल की.
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