गुजरात से बेहतर है बिहार में पीडीएस सिस्टम: मदन
पटना़: खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने में बिहार अग्रणी राज्यों में एक है. वहीं गुजरात में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम कानून सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के के बाद एक अप्रैल 2016 को लागू किया गया. इस मामले में गुजरात बिहार […]
पटना़: खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने में बिहार अग्रणी राज्यों में एक है. वहीं गुजरात में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम कानून सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के के बाद एक अप्रैल 2016 को लागू किया गया. इस मामले में गुजरात बिहार से काफी पीछे है.
सहनी ने कहा कि अनाज की कालाबाजारी रोकने के मामले में भी बिहार गुजरात से काफी आगे हैं. हाल ही किये गये सर्वेक्षण के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कालाबाजारी कम करने और पारदर्शिता के बिंदु पर बिहार राज्य देश में ओड़िशा और छत्तीसगढ़ के बाद तीसरे स्थान पर है, जबकि गुजरात पांचवें स्थान पर है. सहनी ने कहा कि बिहार पहला ऐसा राज्य है, जिसने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत डीबीटी योजना को पूर्णिया जिले में लागू किया जा रहा है. इस योजना के तहत अनाज मद का लाभ सीधे लाभार्थी के आधार से जुड़े खाते में किया जायेगा.
उन्हेांने कहा कि केंद्र सरकार का बिहार की ओर दुहरी नीति का यह भी परिचय है कि बिहार को पूर्व से मिल रहे किरासन तेल के आवंटन में पांच फीसदी की कटौती की गयी है. बिहार में आज भी काफी अधिक संख्या में गांव में बिजली नहीं पहुंची है. इससे लोगो को किरासन तेल पर निर्भरता बनी हुई है. केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान पर पलटवार करते हुए उन्हेांने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम यूपीए सरकार द्वारा द्वारा पूरे देश में लागू किया गया था, जिसमें लाभुकों को गेहूँ दो रूपये और चावल तीन रूपये किलो की दर से देने का प्रावधान है. श्री सहनी ने पासवान के गुजरात पर दिये गये बयान का खंडन करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री पासवान ने बिहार के संदर्भ में शर्मनाक जैसे शब्दों का प्रयोग किया है यह आपत्तिजनक है.