गन्ना उद्योग विभाग ने रखी शर्त, जीपीएस से लैस होंगे तभी मिलेगा अनुदान

पटना : एक माह में बिहार की चीनी मिलों को दोहरा झटका लगा है. पिछले महीने ईख किसानों का शत-प्रतिशत बकाया भुगतान न करनेवाली मिलों को गन्ना उद्योग मंत्री ने अनुदान न देने की घोषणा की थी, अब विभाग ने एक और फैसला सुनाया है- जीपीएस से लैस न होनेवाली मिलों को कोई अनुदान नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2016 7:21 AM
पटना : एक माह में बिहार की चीनी मिलों को दोहरा झटका लगा है. पिछले महीने ईख किसानों का शत-प्रतिशत बकाया भुगतान न करनेवाली मिलों को गन्ना उद्योग मंत्री ने अनुदान न देने की घोषणा की थी, अब विभाग ने एक और फैसला सुनाया है- जीपीएस से लैस न होनेवाली मिलों को कोई अनुदान नहीं मिलेगा. चीनी मिलों को प्रति क्विंटल 16.75 रुपये की दर से सरकार अनुदान देती है. विभाग के इस ताजा फैसले से चीनी मिलों में हड़कंप मचा है.
तीन वर्ष पहले सिंधवलिया चीनी मिल में अपने स्पेशल विजिट के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चीनी मिलों को जीपीएस से लैस करने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये थे. चीनी मिलों को जीपीएस सिस्टम से लैस करने पर 5.50 करोड़ रुपये खर्च होने हैं.
जीपीएस खुद चीनी मिलों को ही लगाना है. जीपीएस से लैस हुई चीनी मिलों को इस मद में 95 प्रतिशत सब्सिडी देने का निर्णय भी विभाग ने लिया था, पर अधिकतर चीनी मिलें इस मोरचे पर शत-प्रतिशत काम नहीं कर पायी है. अब ईखायुक्त गिरिजेश प्रसाद ने कड़ाई की है और जीपीएस न लगाने वाली चीनी मिलों को कोई अनुदान न देने की चेतावनी दी है. पिछले ही महीने गन्ना विकास मंत्री ने ईख किसानों का शत-प्रतिशत बकाया भुगतान न करनेवाली चीनी को कोई अनुदान न देने की चेतावनी दी थी. चीनी मिलों पर अप्रैल,16 तक किसानों का 18.1 करोड़ रुपये बकाया है. बकाया भुगतान के बाद ही चीनी मिलों को प्रति क्विंटल 16.75 रुपये की दर से अनुदान मिलेगा. 19 मई, 2015 को ही विभाग ने सभी चीनी मिलों को जीपीएस से लैस होने का निर्देश जारी किया था.
उत्तर-प्रदेश की चीनी मिलें जीपीएस से लैस हैं, इसलिए वहां गन्ना सर्वेक्षण व अनुदान आदि के काम में कोई दिक्कत नहीं हो रही, पर बिहार में इस सिस्टम के चालू न होने से इस काम में सफलता नहीं मिल रही.
जीपीएस का लाभ
सिस्टम में ईख पेराई की रियल टाइम इंट्री होती है
सिस्टम के माध्यम से ईख उत्पादन की ऑनलाइन जानकारी मिलती है
जीपीएस को ‘बिहार किसान नेटवर्क’ को सर्वर व वेबसाइट से भी जोड़ने का प्रावधान है
जीपीएस से लोडिंग का भी आंकड़ा आसानी से उपलब्ध होता है
इस सिस्टम को वेब कैमरे से जोड़ा गया है

Next Article

Exit mobile version