पटना : बिहार के उप मुख्यमंत्रीऔर राजद नेता तेजस्वी यादव ने दिल की बातकेमाध्यम से विपक्ष पर जमकरनिशाना साधा है. तेजस्वी ने कहा है कि सशक्त विपक्ष का लोकतंत्र में विशेष महत्व होता है. आलोचना करना विपक्ष का अधिकार होता है. विपक्ष अगर सजग होता है तो सत्ता पक्ष निरंतर सावधान की स्थिति में मिलता है. लेकिन आलोचना में परिपक्वता, संतुलन होना आवश्यक है, नहीं तो यही आलोचना दोहरापन, दोगलापन और पूर्वाग्रह पीड़ित नजर आयेगा. ठीक यही बात बिहार के विपक्ष पर सही बैठती है. परिपक्वता तो इनके विरोध में है नहीं, क्योंकि बच्चों की तरह स्टिकर-स्टिकर खेल रहे हैं. अच्छा हो कि एक ऐसा स्टिकर भी बनायें जिसमें लिखा हो कि हमारे एक बलात्कार आरोपी भगोड़े नेता केंद्र में मंत्री है एवं हमारे सबसे बड़े संस्कारी नेता के घर से बेनामी डेढ़ करोड़ राशि की चोरी हुई थी.
चोर बीजेपी नेता से ईमानदार निकला
हास्यास्पद यह है की जनाब पचास हज़ार की चोरी बता रहे थे, पर चोर ने खुद डेढ़ करोड़ की राशि बताई. यानि कि चोर ही माननीय से ज्यादा ईमानदार निकला.उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बताये कि क्या देश के किसी दूसरे राज्य में किसी विपक्षी दल ने अपने ही राज्य को जंगलराज की संज्ञा दी है ? आलोचना कीजिये पर झूठ की राजनीति मत कीजिए. आपके गढ़े हुए जुमले आज आपके ही मज़ाक का कारण गये हैं. बिहार में रहकर बिहार को ही गाली देना भाजपाईयों की आदत और लाचारी बन गई है.
हार की पीड़ा
बिहार की बहुसंख्यक न्यायप्रिय एवं विवेकशील जनता ने इनको चुनाव में इतने बुरे तरीके से हराया कि उस हार की टीस और पीड़ा को ये भूल ही नहीं पा रहे है. भाजपाई अच्छी तरह समझते है कि केंद्र सरकार की वादाखिलाफियों के कारण जनता इन्हें पूर्ण रूप से त्याग चुकी है तथा जिस निष्ठा और लग्न के साथ लोकप्रिय महागठबंधन सरकार जनकल्याणकारी कार्य कर रही है उसके परिणामस्वरूप निकट भविष्य में बीजेपी को कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. अत: अब बड़े शातिराना तरीके से बिहार को बदनाम करने का बीड़ा उठाते हुए ये जनता द्वारा दी गयी करारी हार का बदला अब जनता से ही ले रहे है.
भाजपा शासित राज्यों में क्राइम ज्यादा
तेजस्वी यादव ने भाजपा शासित राज्यों में क्राइम का हवाला देते हुए कहा कि आंकड़े चीख-चीख कर भाजपाइयों के कान में भाजपा शासित राज्यों में रोज हो रहे हत्या, बलात्कार और लूटपाट इत्यादि की कहानी बयान कर रहे हैं. पर सुनाया और दिखाया उनको जा सकता है जो सुनने और देखने के इच्छुक हों. जो बहरा और अंधा होने का ढ़ोंग कर रहे हों, उनके साथ क्या किया जाए?
अपने राज्यों में झांके बीजेपी
छत्तीसगढ़, झारखण्ड, राजस्थान और हरियाणा में हुए जघन्य अपराधों के आंकड़ों की गगनचुम्बी इमारतें बिहार को बौना बनाती हैं. पर इनसे भी आगे अपराध में तख्तोताज़ पर कब्ज़ा जमाए है केंद्र सरकार की पुलिस वाली दिल्ली जिसे स्वयं माननीय दिल्ली हाई कोर्ट ने जंगलराज कहा है. वैसे तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी मोदी जी को मॉडर्न नीरो कहा था. पर उससे क्या? किसी भी तरह सत्ता हासिल करने में विश्वास करने वालों को तो बस जंगलराज ही दिखाई देता है और सुनाई देता है, वो भी वहाँ जहाँ वंचितों और उपेक्षितों के सहयोग से सामाजिक न्याय के साथ विकास का ध्येय लेकर आगे बढ़ने वाली सरकार बनी हो.