सांसों में जहर घोल रही कचरे की आग
पटना : राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संबंधित विभाग की बैठक दिसंबर माह में हुई. इसमें निगम को सख्त निर्देश दिया गया कि किसी कूड़ा प्वाइंट पर कचरे में आग नहीं लगानी है. नगर आयुक्त ने चारों अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों को इससे […]
पटना : राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संबंधित विभाग की बैठक दिसंबर माह में हुई. इसमें निगम को सख्त निर्देश दिया गया कि किसी कूड़ा प्वाइंट पर कचरे में आग नहीं लगानी है. नगर आयुक्त ने चारों अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों को इससे संबंधित आदेश जारी भी कर दिया. हालांकि, इसका पालन अब भी नहीं किया जा रहा है. कूड़ा प्वाइंट पर कचरे में आग लगाने का सिलसिला जारी है, जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है.
पटना सिटी अंचल क्षेत्र से रोजाना निकलनेवाला कचरा अगमकुआं पुल के नीचे और रेलवे लाइन के बगल में बनाये गये सेकेंड्री कूड़ा प्वाइंट पर गिराया जाता है. इस सड़क पर करीब आधे किलोमीटर में कचरा गिराया जाता है. यहां से बैरिया में कचरा डंप होता है. इस सेकेंड्री कूड़ा प्वाइंट पर जगह-जगह कचरे में आग लगी है. ऐसे में इस रोड से लोगों का गुजरना मुश्किल हो गया है.
वहीं, बैरिया डंपिंग यार्ड में आग लगाने व बुझाने का सिलसिला भी जारी है. यह स्थिति तब है जब दिन भर इन प्वाइंटों पर निगमकर्मियों की तैनाती है. हालांकि, नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक बताते है कि निगमकर्मी आग नहीं लगाते हैं. सिगरेट व बीड़ी पीनेवालों से कचरे में आग लग जाती है.
हमारे लिए यह कितना खतरनाक है
डॉक्टरों के मुताबिक शहर में दो तरह का कचरा निकलता है. लेकिन किसी भी हाल में कचरे को जलाना नहीं चाहिए, क्योंकि जलने के बाद कचरे से कार्बन मोनोआॅक्सा इड व कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है. कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस से दिमाग और फेफड़े की बीमारी होने का खतरा रहता है.
यह गैस हमारे शरीर में मौजूद खून को ही बदल देती है. इससे दिमाग के साथ-साथ हार्ट भी प्रभावित होता है. वहीं लगातार धुआं शरीर में जाने से फेफड़े की बीमारी सहित आंख, नसें आदि प्रभावित होती हैं. डंपिंग यार्ड के आसपास के लोगों का हेल्थ चेकअप जरूरी है. ताकि समय रहते उन्हें बीमारी से बचाया जा सके