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बिहार में जंगलराज कहने की बीमारी हो गयी है : CM नीतीश

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में हरेक आपराधिक घटना के बाद ‘जंगलराज’ का आरोप लगाये जाने पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए आज कहा कि आजकल लोगों को बिहार में जंगलराज कहने की बीमारी हो गयी है. बिहार राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 56वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुये सीएम […]

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में हरेक आपराधिक घटना के बाद ‘जंगलराज’ का आरोप लगाये जाने पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए आज कहा कि आजकल लोगों को बिहार में जंगलराज कहने की बीमारी हो गयी है. बिहार राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 56वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुये सीएम नीतीश कुमार ने यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि अगर किसी तरह की घटना घटती है तो हमलोगों को भी तकलीफ होती है.

मुख्यमंत्री ने बैंकों द्वारा सुरक्षा के मुद्दे पर जतायी गयी चिंता पर कहा कि बैंकों की सुरक्षा हम सबकी चिंता है. बैंक की सुरक्षा के लिये राज्य पुलिस सारा कार्य करती है. नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘स्टेट इन्डस्टरीयल सिक्युरिटी बटालियन’ गठित करने का निर्णय लिया है. ‘स्टेट इन्डस्टरीयल सिक्युरिटी बटालियन’ को पूरी तरह कार्य करने में दो से तीन साल लग सकता है, इससे बैंक को सहुलियत होगी तथा बैंक को सुरक्षा प्रदान होगी.

सीएम नीतीश ने बैंकों की सुरक्षा को लेकर सुझाव देते हुए कहा कि बैंकों में सिक्युरिटी ऑडिट होना चाहिये ताकि सुरक्षा में होने वाले चूक का आंकलन हो सके. उन्होंने कहा कि 2016 में छह स्थानों पर बैंक डकैती एवं लूट की घटना हुयी है. घटना को अंजाम देने वाले अपराधी पकड़े गये हैं. 58,34,500 रुपये वसूल किये गये हैं. मुजफ्फरपुर के जिस बैंक में लूट की घटना घटी है उस बैंक का गार्ड बैंक खुलने के समय गायब था.

मुख्यमंत्री ने आगामी 2 अक्टूबर से शुरू किये जाने वाले 12वीं कक्षा उत्तीर्ण प्रत्येक इच्छुक छात्रों के लिये ‘स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें सभी बैंकों से अपेक्षित सहयोग की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सुशासन के कार्यक्रम 2015 के अन्तर्गत विकसित बिहार के लिए सरकार के सात निश्चय के अन्तर्गत बैंकों से जोडकर 12वीं कक्षा उतीर्ण प्रत्येक इच्छुक छात्रों को चार लाख रुपये का बिहार स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा.

नीतीश ने स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को अभिनव प्रयोग बताते हुए कहा कि यह प्रायोगिक तौर पर 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा. 2 अक्टूबर से छात्रों को स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड मिलना प्रारंभ हो जायेगा. उन्होंने बैंकों से अनुरोध किया कि जो भी तैयारी करनी है, सभी बैंक 15 सितम्बर के पहले तैयारी कर लें, इसमें किसी तरह की कठिनाई नहीं चाहिये.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12वीं कक्षा पास जो छात्र स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड लेने के लिये इच्छुक होंगे, वे जिला निबंधन केंद्र में सीधे एवं आनलाइन आवेदन दे सकते हैं. निर्धारित तिथि को उन्हें बुलाकर उनके आवेदन के सारी त्रुटियों को दूर किया जायेगा तथा अनुशंसा के साथ बैंक को भेजा जायेगा. स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड देने में बैंकों के द्वारा किसी तरह की कठिनाई नहीं होनी चाहिये.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के लिये स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड सहित तीन महत्वपूर्ण काम करने जा रही है. जो युवा सेकेंडरी स्तर के शिक्षा के बाद कौशल विकास करना चाहते हैं, उन्हें कौशल विकास का अवसर दिया जायेगा. प्रत्येक प्रखंड में कौशल विकास की शिक्षा दी जायेगी. जो रोजगार की तलाश करना चाहते हैं, उन्हें दो साल के लिये एक-एक हजार रुपये प्रतिमाह स्वयं सहायता भत्ता मिलेगा. यह भत्ता 20 से 25 वर्ष आयु वर्ग के इच्छुक युवाओं को देय होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे युवाओं की योग्यता बढ़ जायेगी. एक व्यक्ति दो प्रकार का लाभ नहीं ले सके, इसके लिये आधार नंबर होना आवश्यक है. हम किसी को सहायता देंगे तो बैंक के माध्यम से देंगे. बैंक खाते को आधार कार्ड के साथ लिंक होना चाहिये. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सुशासन के कार्यक्रम 2016 से 2020 के अन्तर्गत विकसित बिहार के लिए सरकार के सात निश्चय से संबंधित योजनाओं के लिये बैंक की शर्त मंजूर है. पैसा नहीं डूबने की गारंटी बिहार सरकार की है. ससमय बिहार सरकार बैंक को भुगतान करेगी.

बैठक के दौरान भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक अभिजीत दत्ता द्वारा ऋण जमा अनुपात 44.99 प्रतिशत बताए जाने पर नीतीश ने कहा कि उनके पास जो आंकड़ा आया था उसमें 2015-16 में 42.96 प्रतिशत है. पता चला कि नाबार्ड की राशि आरआईडीएफ की राशि को जोड़कर बताया गया. इसमें नाबार्ड को आरआईडीएफ नहीं जोड़ना चाहिये. नीतीश ने कहा कि बिहार में जो लोग ऋण लेते हैं वे उसे वापस भी करना चाहते हैं. उन्होंने एनपीए के लिये बैंकों को समीक्षा करने की जरूरत बतायी ताकि पता चले कि किस सेक्टर में और किस क्षेत्र में एनपीए ज्यादा है. उस विशेष दिशा में आवश्यक पहल की जाये तो इसके अच्छे परिणाम आयेंगे.

बिहार में 527 बैंक शाखा खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसमें मात्र 364 बैंक शाखा खुल पाया है. ‘वन मैन ब्रांच’ का विचार सही नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग मेहनती है यहां के लोग मेधावी है. हम अपने नये इन्डस्टरीयल पॉलिसी पर काम कर रहे हैं. 2016 से आगे के वर्षोंं के लिये नये इन्डस्टरीयल पॉलिसी बनने जा रही है. 30 मई को उद्यमी पंचायत में हम उद्यमियों से बातचीत करेंगे.

नीतीश ने कहा कि बिहार का विकास कृषि के विकास के बिना संभव नहीं है. बिहार सरकार ने कृषि के विकास के लिये पहला कृषि रोडमैप 2007 से 2012 दूसरा कृषि रोडमैप 2012 से 2017 तथा 2017 से 2022 तक के लिये नया कृषि रोडमैप के लिये पूरी तैयारी कर ली गयी है. यहां कृषि पर आधारित उद्योग की अपार संभावनायें हैं. उन्होंने कहा कि कठिन दौर में भी बिहार ने विकास दर और वित्त व्यवस्था के प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन किया है.

उन्होंने कहा कि बिहार का विकास दर पिछले दस वर्षों से दो अंकों में है. बगैर बड़े पूंजी निवेश के बिहार का विकास दर दो अंकों में रहा है. इस अवसर पर वित मंत्री अब्दुलबारी सिद्दकी, शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह, नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी, उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह, सहकारिता मंत्री आलोक कुुमार मेहता, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक रंजीत कुमार दास, भारतीय रिजर्व बैंक के महाप्रबंधक व्रजराज ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये.

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