पप्पू यादव ने तस्लीमुद्दीन को अपनी पार्टी में शामिल होने का दिया न्योता
पटना : जन अधिकार पार्टी प्रमुख और राजद से निष्कासित राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ टिप्पणी करने वाले राजद सांसद मो. तस्लीमुद्दीन को उनकी पार्टी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने को गलत ठहराते हुए आज उन्हें जन अधिकार पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया. पत्रकारों को […]
पटना : जन अधिकार पार्टी प्रमुख और राजद से निष्कासित राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ टिप्पणी करने वाले राजद सांसद मो. तस्लीमुद्दीन को उनकी पार्टी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने को गलत ठहराते हुए आज उन्हें जन अधिकार पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया.
पत्रकारों को संबोधित करते हुए आज यहां मधेपुरा से सांसद पप्पू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू पर सत्ता और परिवार के लिए किसी की भी तिलांजलि देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों जदयू और राजद के उन नेताओं को ‘बली का बकरा’ बनाते रहेंगे जिनकी बदौलत ये सत्ता में आए. उन्होंने जदयू और राजद के नेताओं से इन दोनों की ‘हिटलरशाही’ के खिलाफ विद्रोह करने की अपील करते हुए कहा कि अगर तस्लीमुद्दीन उनकी पार्टी में आना चाहते हैं तो जन अधिकार पार्टी उनका स्वागत करेेगी.
राजद से निष्कासित पप्पू ने कहा कि अगर लालू प्रसाद को कार्रवाई करनी ही थी तो केवल तस्लीमुद्दीन के खिलाफ कार्रवाई क्यों की. नीतीश के खिलाफ टिप्पणी करने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए थी. उन्होंने सीवान में गत 13 मई को पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के बाद राजद नेता मो. शहाबुद्दीन को वहां की जेल से भागलपुर स्थानांतरित किए जाने की कार्रवाई को ‘फेस सेविंग’ की संज्ञा देते हुए कहा कि अगर वे इस मामले में दोषीहैं तो नीतीश कुमार सरकार ने उन्हें प्राथमिकी अभियुक्त बनाते हुए उनके खिलाफ सीधे तौर पर अभी तक क्यों नहीं कार्रवाई की.
पप्पू ने कहा कि अगर इस मामले में शहाबुद्दीन की संलिप्तता नहीं है तो नीतीश सरकार उन्हें क्यों तंग कर रही है. उन्होंने राज्यसभा के आगामी दस जून को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव में राजद से शहाबुद्दीन की पत्नी हिना के उम्मीदवार होने की चर्चा की ओर इशारा करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद से पूछा कि अगर उनके लिए शहाबुद्दीन खराब हैं तो उनकी पत्नी हिना कैसे अच्छी हो सकती हैं.
उन्होंने लालू पर मुसलमानों को केवल वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए शहाबुद्दीन से अपील की कि वे राजद से अलग हो जाएं और लालू की किसी पेशकश को नहीं स्वीकारें.