पटना : बिहार सरकार, युनिसेफ और पूसा स्थित राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय ने कुपोषण में कमी लाने के लिए आज समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये. महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की कमी के लिए इस समझौते पत्र पर यूनिसेफ की बिहार इकाई के प्रमुख यामीन मजुमदार, राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति आर सी श्रीवास्तव और मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक हरिहर प्रसाद ने हस्ताक्षर किये.
समझौते के तहत भागलपुर जिला के पूसा स्थित राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में कृषि पोषण प्रकोष्ठ का गठन किया जायेगा. समारोह को संबोधित करते हुए आरसी श्रीवास्तव ने कहा कि गठित किए जाने वाले कृषि पोषण सेल स्थानीय स्तर पर उपलब्ध खाद्यान्न के पौष्टिकता की परख करेगा.
मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक ने बताया कि भोजन के पौष्टिकता की जांच से प्रदेश के 7000 स्कूलों में इस योजना के तहत परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को निर्धारित करने में मदद करेगा. उन्होंने प्रदेश में खाद्य प्रयोगशाला की स्थापना के लिए राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय से पहल करने का आग्रह किया.
यूनिसेफ की बिहार इकाई के प्रमुख यामीन मजुमदार ने कहा कि कुपोषण केवल स्वास्थ्य से संबंधित समस्या नहीं बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक तौर पर जुडा हुआ है. उन्होंने बिहार में महिलाओं और बच्चों के बीच कुपोषण में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य, कृषि, समाज कल्याण और शिक्षा विभाग में समन्वय की आवश्यकता जतायी.
यूनिसेफ के पोषण विशेषज्ञ रवि नारायण पढी ने आयु के अनुसार लंबाई में कमी की समस्या से निपटने के लिए बच्चों के भोजन में पोषक तत्वों में सुधार लाए जाने पर जोर दिया.