लेटलतीफी : लोक सेवाओं का अधिकार के तहत 120 अधिकारियों पर लगा जुर्माना, इनमें 83 केवल पुलिस विभाग के ही
रविशंकर उपाध्याय
पटना : आम आदमी की अक्सर शिकायत होती है कि पुलिस उनकी नहीं सुनती है. अब आंकड़े भी इसकी तसदीक कर रहे हैं. बिहार सरकार ने लोक सेवाओं का अधिकार (आरटीपीएस) कानून के तहत सेवाओं को प्रदान करने के लिए जो समयसीमा तय की है, उसके पालन में पुलिसवाले सबसे पीछे हैं.
पटना जिले में लोक सेवाओं को प्रदान करने में देरी करना जिन पर भारी पड़ा है, उसमें पुलिस कर्मियों की संख्या सबसे ज्यादा है. उन्हें आवेदनों के निबटारे में देरी करने के कारण भारी जुर्माना भरना पड़ा है. अब तक करीब 120 लोक सेवकों, पदाधिकारियों पर जुर्माने का डंडा पड़ा है. इसमें 83 पुलिस अधिकारी ही शामिल हैं.
पुलिस अधीक्षक या गृह विभाग से संबंधित सेवाएं प्रदान करने में ये सबसे ज्यादा पिछड़े हैं. इसी कारण इन पर ज्यादा जुर्माना लगा है. इन 83 पुलिस अफसरों में थाना इंचार्ज और सब इंस्पेक्टर रैंक के अफसर शामिल हैं. 120 लोक सेवकों, पदाधिकारियों परे देर से सेवा देने के कारण कुल चार लाख 85 हजार रुपये का जुर्माना किया गया था. इसमें 4,68, 937 रुपये जुर्माना वसूल कर लिया गया है.
लाखों की रिकवरी
आम लोगों से जुड़ी सेवाओं में देरी करने पर जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की वसूली के लिए प्रशासन ने लगातार अभियान चलाया है. इसका परिणाम यह हुआ कि अधिकारियों से लाखों की रिकवरी
की गयी है.
संजय कुमार अग्रवाल, डीएम, पटना
अंचल व राजस्व अधिकारी दूसरे नंबर पर
पटना जिले में समय पर सेवा न देने के मामले में राजस्व और भूमि सुधार
विभाग से संबंधित मामले दूसरे नंबर पर हैं. इस विभाग के 20 अधिकारियों-कर्मचारियों से जुर्माना वसूला गया है. इसमें अंचल अधिकारी, राजस्व कर्मचारी और अंचल निरीक्षक अादि शामिल हैं. इसके बाद समाज कल्याण से जुड़ी सेवाओं का नंबर है जिसमें 12 अधिकारियों पर जुर्माने का डंडा चला है. इसकी जद में बीडीओ और पंचायत सेवक आये हैं. सामान्य प्रशासन विभाग से कुल पांच अधिकारियों पर जुर्माना लगा है, जिसमें तीन ऑफलाइन और दो ऑनलाइन के अधिकारी शामिल हैं.
आरपीएस के तहत प्रमुख काम
पुलिस विभाग चरित्र प्रमाण पत्र
सामान्य प्रशासन जाति-आवासीय-आय प्रमाण पत्र
समाज कल्याण सामाजिक सुरक्षा से जुड़े पेंशन
राजस्व विभाग जमीन की रसीद, सीमांकन प्रमाण आदि
क्या कहते हैं आंकड़े
समय सीमा में निबटाये मामले 176840
समय सीमा के बाद निबटाया 64082
समय सीमा के बाद लंबित 38
कुल दायर अपील की संख्या 18899
कुल निबटाये गये अपील 17205
आंकड़े एक अप्रैल से 24 अप्रैल तक के हैं