चार दिनों से 40 हजार की आबादी बेहाल

हाहाकार. नया टोला जलापूर्ति पंप में तकनीकी खराबी, कुआं व चापाकल के भरोसे लोग पीएचइडी के अभियंता से जांच करायी जायेगी. इसके बाद ही पंप सुचारु रूप से चालू हो पायेगा दानापुर : नगर पर्षद क्षेत्र के नया टोला स्थित जलापूर्ति पंप में तकनीकी खराबी आने से करीब 40 हजार की आबादी को पीने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2016 6:45 AM
हाहाकार. नया टोला जलापूर्ति पंप में तकनीकी खराबी, कुआं व चापाकल के भरोसे लोग
पीएचइडी के अभियंता से जांच करायी जायेगी. इसके बाद ही पंप सुचारु रूप से चालू हो पायेगा
दानापुर : नगर पर्षद क्षेत्र के नया टोला स्थित जलापूर्ति पंप में तकनीकी खराबी आने से करीब 40 हजार की आबादी को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. पंप का मोटर मंगलवार को सुबह से बंद पड़ा है. स्थिति यह है कि पर्षद क्षेत्र के सात वार्डों के करीब एक दर्जन मुहल्लों में पानी के लिए हाहाकार मचा है. भीषण गरमी में लोगों पानी के लिए कुआं व चापाकल का सहारा लेना पड़ रहा है.
पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी शशि भूषण प्रसाद काकहना है कि पंप चालू करने पर आधा घंटे के बाद मोटर हीट (गर्म) हो जा रहा है. ऐसा पंप में तकनीकी खराबी के कारण हो रहा है. इसकी जांच पीएचइडी के अभियंता से करायी जायेगी तभी सुचारु रूप से पंप चालू हो पायेगा. पंप के ऑपरेटर राकेश कुमार ने बताया कि मंगलवार की सुबह पंप चालू करने के बाद पंप का मोटर हीट होने लगा. इससे पंप को बंद कर दिया.
इसकी शिकायत कार्यपालक पदाधिकारी से की, इसके बाद मेकैनिक ने पंप के मोटर की जांच-पड़ताल की, तो बोरिंग में खराबी मिली. इसके बाद बोरिंग को बदल दिया गया, लेकिन पंप चालू करने पर आधा घंटा के बाद मोटर हीट हो जाता है़ इससे मोटर पंप जलने का डर रहता है. इस कारण पंप को बंद कर दिया जाता है. मालूम हो कि इसके पहले भी यह पंप 18 फरवरी से 20 फरवरी तक, 7 अप्रैल से 15 अप्रैल तक और 8 मई से 21 मई तक खराब था. 22 मई को पंप की मरम्मत हुई. इसके बाद दो दिनों तक पानी की आपूर्ति हुई. इसके बाद पंप फिर 24 मई से खराब है.
इन मुहल्लों में है पानी का संकट
बोरिंग पंप में आयी तकनीकी खराबी के कारण पर्षद के सात वार्डों में पड़नेवाले एक दर्जन से अधिक मुहल्लों नया टोला, सगुना, सुल्तानपुर, कोयरी टोला, भट्टापर, शनिचरा स्थान, एसके पुरम, आर्य समाज रोड, रंजन पथ, बैंक कॉलोनी व सैनिक कॉलोनी समेत बेली रोड की कई कॉलोनियों में पेयजल संकट चार दिनों से खराब है.

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