10 दिनों का दिया अल्टीमेटम
आइएमए की चेतावनी. डॉक्टरों पर हमला रोके सरकार, नहीं तो आंदोलन आइएमए के राष्ट्रीय महासचिव डॉ केके अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टरों पर हमले के सबसे ज्यादा मामले बिहार में होते हैं. पटना : स्वास्थ्य विभाग या फिर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री 10 दिनों के अंदर अपराधियों पर कार्रवाई करें. ऐसा नहीं होने पर देश […]
आइएमए की चेतावनी. डॉक्टरों पर हमला रोके सरकार, नहीं तो आंदोलन
आइएमए के राष्ट्रीय महासचिव डॉ केके अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टरों पर हमले के सबसे ज्यादा मामले बिहार
में होते हैं.
पटना : स्वास्थ्य विभाग या फिर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री 10 दिनों के अंदर अपराधियों पर कार्रवाई करें. ऐसा नहीं होने पर देश भर के डॉक्टर हड़ताल करने को बाध्य हो सकते हैं. इससे चिकित्सा व्यवस्था भी ठप हो सकती है. यह कहना है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ केके अग्रवाल का. वे प्रदेश में डॉक्टरों पर लगातार हो रहे हमले व रंगदारी मामले को लेकर शनिवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे.
डॉ अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने बिहार आइएमए को निर्देश दिया है कि 10 दिनों के अंदर स्वास्थ्य विभाग को सही रास्ते पर लानेे और हमले बंद कराने के लिए बाध्य करे. अगर तय समय सीमा के अंदर सुधार नहीं होता है तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन किया जायेगा. मीडिया के सामने आंकड़े पेश करते हुए डॉ अग्रवाल ने कहा कि बिहार में डॉक्टरों पर सबसे ज्यादा हमले होते हैं. पिछले आठ महीने में बिहार में डॉक्टरों पर हमले के 23 मामले सामने आये हैं. इसके बाद झारखंड का नंबर है. वहां पिछले छह महीनों में ऐसी चार वारदातें हुईं. जिम्मेवार अधिकारियों व मंत्रियों की ओर से कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से चल रही बात
डॉ अग्रवाल का कहना है कि चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से बात चल रही है. आइएमए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात करर पांच बिंदुओं को लागू करने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि नर्सिंग होम एक्ट में संशोधन, रूल एंड ला का पालन, मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, डॉक्टरों की सुरक्षा आदि कई बिंदुओं को दुरुस्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. जल्द ही मंत्रालय से सहमति पत्र भी मिलने की उम्मीद है.
पहले काला बिल्ला बांधेंगे, फिर हड़ताल
प्रदेश आइएमए के अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद कुमार ने कहा कि एसोसिएशन प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग से 10 दिनों के अंदर डॉक्टरों पर हमले व रंगदारी की कार्रवाई बंद कराने के लिए दबाव बनायेगा.
अगर मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो डॉक्टर पहले काला बिल्ला बांध कर काम करेंगे. इसके बाद हड़ताल होगी. वहीं, प्रदेश सचिव डाॅ हरिहर दीक्षित ने बताया कि अगर नर्सिंग एक्ट एक्ट में संशोधन नहीं हुआ, तो दूसरा बड़ा आंदोलन होगा. इस मौके पर आइएमए की मंजू गीता मिश्रा, डॉ अजय कुमार, डॉ सुनील सिंह आदि लोगों ने अपना विचार रखे.