झूठ, विवाद व सत्ता का दुरुपयोग दो सालों की उपलब्धि : वशिष्ठ

पटना : राज्यसभा सांसद सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की दो साल की उपलब्धि झूठ, जुमलेबाजी, वादाखिलाफी, विवाद, अराजकता, सत्ता का दुरुपयोग, घपला-घोटाला और असफलता ही रही है. इसके पीछे उसके पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक, गरीब, मजदूर, किसान, महिला और विकास विरोधी बाजार व कॉरपोरेट समर्थक विचार काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2016 5:50 AM
पटना : राज्यसभा सांसद सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की दो साल की उपलब्धि झूठ, जुमलेबाजी, वादाखिलाफी, विवाद, अराजकता, सत्ता का दुरुपयोग, घपला-घोटाला और असफलता ही रही है. इसके पीछे उसके पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक, गरीब, मजदूर, किसान, महिला और विकास विरोधी बाजार व कॉरपोरेट समर्थक विचार काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में भ्रष्टाचार, महंगाई खत्म करने, विदेशों से कालाधन लाने, युवाओं को रोजगार देने, किसानों को कृषि उपज पर लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने जैसे वादे करके वोट बटोरी़ सत्ता में आते ही पलट गये. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने वादे को चुनावी जुमला बोल कर खारिज कर दिया. कालाधन तो आया नहीं, ललित मोदी व विजय माल्या जैसे दोस्तों के हाथों देश का कालाधन विदेशों में भेज दिया.
किसानों को कृषि उपज पर लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का वादा किया, लेकिन पूरा नहीं किया. बिहार समेत जो राज्य सरकार किसानों को बोनस भी दे रही है उन्हें धमकाया गया.
कॉरपोरेट मित्रों की शह पर किसानों की जमीन छीनने वाला काला कानून ले आये, लेकिन जदयू समेत दूसरे विपक्षी दलों की एकजुटता से उन्हें कानून वापस लेना पड़ा. बेरोजगार युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं. ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब देश के कई बड़े निजी काॅलेजों ने अपने यहां मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग की सीटें घटाने की अनुमति मांगी है. बढ़ती बेरोजगारी से अब इन कॉलेजों में छात्रों की संख्या में भारी कमी आयी है.
आरएसएस के इशारे पर काम करने वाली यह सरकार दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ा, महिला, अल्पसंख्यक विरोधी है. हैदराबाद यूनिवर्सिटी में जो कुछ हुआ सबके सामने है. लव जिहाद, गो माता जैसे विवाद बढ़ा कर ये लोगों को लड़ाते हैं. महंगाई बढ़ी हुई है. केंद्र सरकार के दोस्त कॉरपोरेट घरानों और बड़े व्यापारियों की पौ बारह हो गयी है. चीजों के दाम बेलगाम हो गये और इससे सरकार का नियंत्रण हट गया है.
मध्य प्रदेश का व्यापमं घोटाले में 50 से ज्यादा लोगों की हत्या व संदिग्ध मौत हो चुकी है. राजस्थान, महाराष्ट्र गोवा, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, गुजरात, झारखंड समेत लगभग हर भाजपा शासित राज्य में मंत्री, एमएलए पर घोटाला, भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.

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