हरियाणा में जंगलराज : त्यागी

पटना : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सांसद केसी त्यागी ने कहा है कि हरियाणा में जंगलराज का बोलबाला है और वहां प्रशासन पूरी तरह से नाकाम हो गया है. उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसक और असामाजिक घटनाओं की जांच के लिए गठित प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट से हरियाणा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2016 6:26 AM
पटना : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सांसद केसी त्यागी ने कहा है कि हरियाणा में जंगलराज का बोलबाला है और वहां प्रशासन पूरी तरह से नाकाम हो गया है. उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसक और असामाजिक घटनाओं की जांच के लिए गठित प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट से हरियाणा में जंगलराज की स्थिति स्पष्ट हुई है. रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर यह स्पष्ट होता है कि हरियाणा में प्रशासन व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम रही है.
जदयू ने हरियाणा सरकार की इस असफलता और जनता की अनदेखी की निंदा की है. साथ ही प्रशासन व्यवस्था पर पूरी तरह से विफल रहने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से इस्तीफे की भी मांग की है.
त्यागी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिनांक 30 मई, 16 को उच्च न्यायालय को सौंपी गयी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि उग्र व हिंसक प्रदर्शन पर काबू पाने में हरियाणा की खट्टर सरकार प्रत्येक मोरचे पर विफल रही है.
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आयी है कि जाट आरक्षण आंदोलन जैसी चुनौतियों से निबटने में हरियाणा पुलिस असमर्थ रही है. शर्मनाक है कि फरवरी माह में हुए जाट आंदोलन के दौरान पुलिस घटना पर काबू पाने की बजाये अपनी जान बचा कर भाग रही थी.
त्यागी ने कहा कि आइपीएस अधिकारी प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट में सामूहिक बलात्कार की घटना की पुष्टि हुई है. काेर्ट को सौंपी गयी रिपोर्ट में यह बात स्पष्ट हुई कि हिंसक आंदोलन के दौरान महिलाओं को गाड़ियों से जबरन बाहर ला, दुष्कर्म किया गया. इस दौरान लगभग 10 महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार की खबरें सामने आयी.
इसी दौरान सड़क यातायात पूरी तरह से बाधित होने के साथ ही हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, झझर समेत कई अन्य जिलों में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया गया. जिसमें करीब 200 से अधिक लोगों के घायल होने तथा सैकड़ों करोड़ की आर्थिक क्षति भी हुई. उन्होंने पार्टी की ओर से यह भी मांग किया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार जाट आरक्षण मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करे, ताकि जनता को और अधिक गुमराह न किया जाये.

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