महानगर योजना समिति का चुनाव जुलाई में

पटना: महानगर योजना समिति के 12 सदस्यों का चुनाव जुलाई में कराया जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव के बाद कार्यक्रम जारी करेगा. समिति में कुल 30 सदस्य शामिल हैं, जिसमें 18 नगरपालिका क्षेत्र से और शेष 12 सदस्य ग्रामीण क्षेत्र से. इस समिति के सदस्यों का पहली बार निर्वाचन 18 अप्रैल 2016 को कराया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 4, 2016 1:46 AM
पटना: महानगर योजना समिति के 12 सदस्यों का चुनाव जुलाई में कराया जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव के बाद कार्यक्रम जारी करेगा. समिति में कुल 30 सदस्य शामिल हैं, जिसमें 18 नगरपालिका क्षेत्र से और शेष 12 सदस्य ग्रामीण क्षेत्र से. इस समिति के सदस्यों का पहली बार निर्वाचन 18 अप्रैल 2016 को कराया गया था. दो माह भी नहीं गुजरे कि समिति के 12 ग्रामीण सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया और इनको एक भी बैठक में भाग लेने का मौका नहीं मिला.

महानगर योजना समिति के निर्वाचन में प्रावधान है कि पंचायत व नगरपालिका आम निर्वाचन के बाद पुराने निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो जायेगा. इधर पंचायत चुनाव 2016 हो गया है और ऐसे में अब नये निर्वाचित मुखिया के बीच से 12 सदस्यों का निर्वाचन होगा. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन ने बताया कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जुलाई में समिति के ग्रामीण सदस्यों का चुनाव होगा.

इधर 17 मई को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई नगर विकास और आवास विभाग की बैठक में भी निर्देश दिया गया गया कि पंचायत आम निर्वाचन आचार संहिता के कारण कोई बैठक नहीं हो सकी.
अब पंचायत चुनाव के बाद समिति के ग्रामीण क्षेत्र के सदस्यों का चुनाव कराया जाये.
महानगर योजना समिति के अधिकार और काम
समिति सदस्यों को पटना मास्टर प्लान 2031 को अमल में लाना है. मास्टर प्लान में आनेवाले क्षेत्रों के रिसोर्स की मैपिंग कर उसका विकास करने का फैसला समिति के सदस्य करेंगे. नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी इस कमेटी के पदेन अध्यक्ष हैं.
यह कमेटी अब नगरपालिका व पंचायतों के विकास की दिशा तय करेगी. नगरपालिका अधिनियम में महानगर योजना समिति के कार्यों का निर्धारण किया गया है. इसमें समिति के गठन की तारीख से दो वर्षों के भीतर नगरपालिका व पंचायत के लिए भावी योजना तैयार की जायेगी.
समिति महानगर क्षेत्र के लिए 20-25 वर्षों की योजना अवधि की नीति, रणनीति और प्राथमिकता का निर्धारण करेगी. इसमें भौतिक व प्राकृतिक संसाधन क्षमता और उनका उपयोग, प्राकृतिक विपदा के क्षेत्रों की पहचान करना, औपचारिक व अनौपचारिक क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन के लिए योजना तैयार करना.
समिति व्यापार व वाणिज्य और उद्योगों का विकास, ग्रामीण विकास, परिवहन व्यवस्था, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन, संचार आदि पर काम करेगी.
सेवाओं का एकीकृत विकास करना, आवास एवं आश्रय का विकास करना, केंद्र व राज्य सरकार के एजेंसियों द्वारा महानगर क्षेत्र में किये जानेवाले निवेशों के परिणाम व स्वरूप राज्य कोषीय संसाधनों की अपेक्षाएं और उनका संग्रहण का कार्य करना. भी शामिल है.

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