सपा का पलटवार, पहले बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को ठीक करें CM नीतीश

पटना/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुई हिंसा को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अोर से दिये गये बयान पर पलटवार करते हुए समाजवादी पार्टीने आज उन पर जमकरहमलाबोला है. सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी नेसीएमनीतीश परनिशाना साधते हुए आज कहा कि नीतीश कुमार कोपहले अपने प्रदेश बिहार पर फोकस करना चाहिए. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2016 1:30 PM

पटना/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुई हिंसा को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अोर से दिये गये बयान पर पलटवार करते हुए समाजवादी पार्टीने आज उन पर जमकरहमलाबोला है. सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी नेसीएमनीतीश परनिशाना साधते हुए आज कहा कि नीतीश कुमार कोपहले अपने प्रदेश बिहार पर फोकस करना चाहिए. सपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार में बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था कोठीककरने की बजायदूसरेप्रदेश में हो रहीघटनाओं पर बयानबाजीकरने सेबचनेका प्रयासकरना चाहिए.

मालूम हो कियूपीके मथुरामें बीते दिनों हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नेप्रतिक्रियादेते हुए कहाथा कि पुलिस और अवैध कब्जेदारों के बीच हुए संघर्ष घोर आश्चर्य का विषय है. सीएम नीतीश ने कहा कि अवैध कब्जेदारों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई होनी चाहिए थी, ऐसी हरकत की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता.उन्होंनेकहा, मथुरा में जो कुछ भी हुआ वो घोर आश्चर्य का विषय है. अतिक्रमणकारी इतने दिनों से कैसे कब्जा कर बैठे हुए थे और अगर बैठे हुए थे तो पहले ही कार्रवाई होनी चाहिए थी.

नीतीश कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमारबिहारमें अहम मुद्दों को छोड़कर उत्तर प्रदेश की घटनाओं पर बयानबाजी कर रहे है. राजेंद्र चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने प्रदेश के कानून व्यवस्था एवं अपराध की घटनाओंपर पहले चिंता करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री को इस तरहसे बयानबाजी करने से बचने की कोशिश करनी चाहिए.

इससे पहले भी यूपी में शराबबंदीकीमांग को लेकर राजेंद्र चौधरी ने सीएम नीतीश पर निशाना साधतेहुए कहा था कि नीतीश कुमार हमारे पुराने मित्र रहे हैं. इन दिनों उन्होंने कुछ मुद्दे चुने हैं, जिस पर नैतिकता का उपदेश दे सकें. दिल बहलाने के लिए शराब की बात करना उन्हें अच्छा लगता है. मगर विकास की बात करने में उन्हें दिक्कत है, क्योंकि जनहित और विकास का काम उन्हें करना नहीं है जिससे कई तरह के भ्रम पैदा हो जाएं.

उल्लेखनीय है कि स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह में शामिल लोग मथुरा के जवाहर बाग में मार्च 2014 से डेरा जमाये हुए थे. करीब 3000 लोगों को यहां से हटाने के लिए गुरुवार को पंहुची पुलिस की टीम पर आंदोलनकारियों ने हमला कर दिया था. पुलिस और सत्याग्रहियों के बीच हुई हिंसा में एसपी और एसओ समेत 24 लोगों की मौत हो गयी थी.

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