15 ब्रेन डेड मरीजों से बचायी जा सकी 90 लोगों की जान

आइजीआइएमएस में कैडेबर किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर हुअा कार्यक्रम पटना : न डेड मरीजों से अधिक से अधिक लोगों की जान बचायी जा सकती है. लेकिन, इसके लिए मरीज के परिजनों के साथ-साथ डॉक्टरों को भी जागरूक होना पड़ेगा. यह कहना है दिल्ली से आये व रोटो के पूर्व डायरेक्टर प्रो सौदन सिंह का. सोमवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2016 6:28 AM
आइजीआइएमएस में कैडेबर किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर हुअा कार्यक्रम
पटना : न डेड मरीजों से अधिक से अधिक लोगों की जान बचायी जा सकती है. लेकिन, इसके लिए मरीज के परिजनों के साथ-साथ डॉक्टरों को भी जागरूक होना पड़ेगा. यह कहना है दिल्ली से आये व रोटो के पूर्व डायरेक्टर प्रो सौदन सिंह का.
सोमवार को आइजीआइएमएस में कैडेबर किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन आइजीआइमएस के डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास और मुख्य अतिथि डॉ सौदन सिंह ने किया. कार्यक्रम में मौजूद सीनियर, जूनियर डॉक्टरों और एमबीबीएस के छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ सौदन सिंह ने कहा कि नेशनल ऑर्गन एंड लीवर ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के अनुसार देश भर में एक साल में 15 ब्रेन डेड मरीजों से 90 लोगों की जान बचायी जा चुकी है.
ऐसे में ब्रेन डेड को लेकर लोग जागरूक हो जायें और इसकी सुविधा अस्पतालों में मिलनी शुरू हो जाये तो उन मरीजों की जान बचायी जा सकती है जो किडनी, हृदय, लीवर व पैनक्रियाज की बीमारी से ग्रस्त हैं. कार्यक्रम में स्क्रीन पर कैडेबर ट्रांसप्लांट की तकनीकी को भी बताया गया.
सभा को संबोधित करते हुए डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास ने बताया कि राज्य सरकार की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा. इसके बाद आइजीआइएमएस कैडेबर किडनी ट्रांसप्लांट का नोडल सेंटर बनाया जा सकता है. इससे मरीजों को दूसरे राज्यों में अंग लेने के लिए नहीं भटकना पड़ेगा.

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