जितना अधिक हो सके कलाम पाक की तिलावत करें
फुलवारीशरीफ : पाक व मुकद्दस माहे रमजान इसलामी साल का सबसे बा-बरकत माह है. इसी माह में अल्लाह-त-आला की आखिरी मुकद्दस किताब कुरान शरीफ पैगंबर हजरत मुहम्मद (स.व.) पर नाजिल हुई. बिरादारान-ए-इसलाम का यह पाक माह मंगलवार से शुरू हो रहा है. इस पाक महीने की एक एक रात हजार रातों से अफजल होती है. […]
फुलवारीशरीफ : पाक व मुकद्दस माहे रमजान इसलामी साल का सबसे बा-बरकत माह है. इसी माह में अल्लाह-त-आला की आखिरी मुकद्दस किताब कुरान शरीफ पैगंबर हजरत मुहम्मद (स.व.) पर नाजिल हुई. बिरादारान-ए-इसलाम का यह पाक माह मंगलवार से शुरू हो रहा है.
इस पाक महीने की एक एक रात हजार रातों से अफजल होती है. इसी रात में अल्लाह-त-आला ने अपने बंदो के लिए कुरान करीम भी नाजिल किया. ये बातें बिहार, झारखंड, ओड़िशा के मुसलमानों की सबसे बड़ी एदारा इमारत-ए-शरिया के नाजिम मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी ने रमजान के चांद देखे जाने के एलान के बाद कहीं. उन्होंने कहा की इस बार रोजा का समय ज्यादा हो रहा है.
ऐसे में सभी मुसलमान भाई से रोजा रखने और कलाम पाक ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की अपील की है, जो जितना अधिक कलाम पाक की तिलावत करेगा, उसे उतना ही ज्यादा शवाब मिलेगा.
मौलाना अनिसुर्रहमान कासमी