BIHAR इंटर रिजल्ट धांधली : SIT ने GA कॉलेज की केंद्राधीक्षक को हिरासत में लिया

पटना/हाजीपुर : इंटर टॉपर्स घोटाले मामले में एसआईटी की टीम ने बुधवार को हाजीपुर स्थित जीए इंटर कॉलेज पहुंची. टीम ने इंटर की परीक्षा के दौरान जीए कॉलेज की सेंटर सुपरिटेंडेंट रहीं शैल कुमारी को हिरासत में ले लिया है.जानकारी के मुताबिक इसी कॉलेज में इंटर टॉपर घोटाला केस के कारण बिशुनराय कॉलेज के छात्रों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2016 6:55 AM

पटना/हाजीपुर : इंटर टॉपर्स घोटाले मामले में एसआईटी की टीम ने बुधवार को हाजीपुर स्थित जीए इंटर कॉलेज पहुंची. टीम ने इंटर की परीक्षा के दौरान जीए कॉलेज की सेंटर सुपरिटेंडेंट रहीं शैल कुमारी को हिरासत में ले लिया है.जानकारी के मुताबिक इसी कॉलेज में इंटर टॉपर घोटाला केस के कारण बिशुनराय कॉलेज के छात्रों की भी परीक्षा ली गयी थी. आज टीम ने बीआर कॉलेज के प्रिंसिपल अमित कुमार उर्फ बच्चा राय के घर जाकर खोजबीन की. बच्चा राय के न मिलने पर एसआईटी की टीम ने उनकी पत्नी को प्रिंसिपल और उनकी बेटी शालिनी के खिलाफ नोटिस दिया. इस नोटिस में एसआईटी ने बच्चा राय और शालिनी को पुलिस के सामने हाजिर होने के निर्देश दिया है. जांच टीम साइंस टॉपर सौरभ श्रेष्ठ के घर भी पहुंची है.

पुलिस ने शैल कुमारी के अलावा कॉलेज के एक लिपिक को भी हिरासत में लिया है. इसी केंद्र पर बिशुन रॉय कॉलेज का परीक्षा केंद्र बनाया गया था. पुलिस ने पटना स्थित राजेंद्रनगर बालक उच्च विद्यालय के प्राचार्य विशेश्वर यादव और शिक्षक संजीव सुमन को भी पुलिस कस्टडी में लिया है, जहां कॉपियों का मूल्याकंन किया गया था. फिलहाल कस्टडी में लिये गये सभी लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है. वहीं दूसरी ओर सचिवालय थाने की पुलिस ने इंटर साइंस और आर्ट्स टॉपर के घर पर नोटिस चिपकाया. क्योंकि दोनों टॉपरों के घर में ताला बंद है. पुलिस ने इस दौरान ग्रामीणों से पूछताछ की और किसी के नहीं उपल्बध रहने की स्थिति में नोटिस चिपकाकर वहां से वापस चली आयी.

इंटर टॉपर घोटाले में चार टॉपर्स समेत सात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद डीजीपी पीके ठाकुर के निर्देश पर विशेष जांच टीम (एसआइटी) का गठन कर दिया गया है. एसआइटी की अलग-अलग टीमों ने मंगलवार को पटना में बिहार बोर्ड, इंटर काउंसिल और वैशाली के विशुन राय कॉलेज व जीए इंटर कॉलेज में छापेमारी की, जहां पूछताछ के बाद आवश्यक दस्तावेज व कंप्यूटर को जब्त कर लिया गया.

डीएसपी विधि-व्यवस्था डाॅ मो शिबली नोमानी के नेतृत्व में पुलिस टीम वैशाली पहुंची थी और विशुन राय कॉलेज, कीरतपुर, भगवानपुर और जीए इंटर कॉलेज, हाजीपुर के प्रशासन से पूछताछ की. इसके बाद इंटर परीक्षा से जुड़े तमाम कागजात लेकर लौट गयी. डाॅ मो शिबली नोमानी ने बताया कि ढाई घंटे तक छानबीन की गयी. कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये गये. कॉलेज के प्राचार्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
दूसरी टीम पटना के फ्रेजर रोड स्थित बिहार बोर्ड कार्यालय पहुंची, जहां बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह से पूछताछ की और उनके कार्यालय का कंप्यूटर जब्त कर लिया. एक और टीम इंटर काउंसिल कार्यालय पहुंची, जहां बोर्ड के सचिव हरिहर नाथ झा से पूछताछ की गयी. वहां टीम अभी जांच-पड़ताल कर ही रही थी कि पीछे से बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह भी वहां पहुंच गये. करीब तीन घंटे से अधिक समय तक टीम रुकी रही और लैपटॉप, कंप्यूटर व रिजल्ट से जुड़े तमाम दस्तावेज अपने साथ ले गयी.
मनु महाराज के नेतृत्व में एसआइटी गठित
इससे पहले एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में एसआइटी टीम का गठन किया गया. इसमें पटना पुलिस, एटीएस, सीआइडी व आसूचना इकाई के तेजतर्रार पुलिस पदाधिकारियों को लगाया गया है. इसमें विधि-व्यवस्था डीएसपी डाॅ मो शिबली नोमानी, आनंद कुमार, विनय प्रकाश, सोनेलाल, रोहन कुमार, शंभु यादव, विभा कुमारी, दिलीप कुमार शामिल किये गये है. जांच के बाद डीएसपी डाॅ मो शिबली नोमानी केस का सुपरविजन करेंगे. आरोपितों के खिलाफ मामला सत्य पाये जाने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि परीक्षा से जुड़े कागजात व कंप्यूटर आदि जब्त किये गये हैं. पूरे मामले की जांच की जा रही है.
शिक्षा विभाग ने स्वीकार किया, टॉपर्स की कॉपियों के साथ की गयी थी छेड़छाड़
पटना. बिहार बोर्ड ने जांच पाया है कि टॉपर्स की उत्तर पुस्तिकाओं में छेड़छाड़ हुई है. माध्यमिक शिक्षा के निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन के बयान के आधार पर कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि इंटर, 2016 की परीक्षा में विशुनदेव राय कॉलेज के तीन साइंस टॉपर छात्र सौरभ श्रेष्ठ, राहुल कुमार व शालिनी राय की उत्तरपुस्तिकाओं में छेड़छाड़ या बदलाव किया गया है. इंटर आर्ट्स की टॉपर रूबी राय को फिलहाल संदिग्ध की सूची में रखा गया है.
मामले में चार टॉपर्स सहित सात लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इनमें वैशाली के वीआर कॉलेज के संचालक, जीए इंटर कॉलेज, हाजीपुर (परीक्षा केंद्र) के अधीक्षक और ब्वाॅज हाइस्कूल, राजेंद्रनगर पटना (मूल्यांकन केंद्र) के अधीक्षक शामिल हैं. बिहार बोर्ड के अज्ञात अधिकारियों-कर्मचारियों पर भी मामला दर्ज कराया गया है.
कोतवाली थाने में आइपीसी की धारा 420/465/467/468/471/120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. एसआइटी टीम के इंस्पेक्टर आनंद कुमार को जांच करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. राजीव प्रसाद सिंह ने अपने लिखित बयान में बताया है कि 2016 की इंटर परीक्षा में पूरे बिहार में कदाचारमुक्त परीक्षा का आयोजन हुआ था. इसके बावजूद इंटर साइंस टॉपर एवं आर्टस टॉपर वैशाली के भगवानपुर राजाराम, किरतपुर स्थित विशुनदेव राय कॉलेज के थे और एक से 10 तक मेरिट लिस्ट में उस कॉलेज के ही कई छात्र थे.
मीडिया द्वारा टॉपर के साक्षात्कार के बाद यह खबर सामने आयी है कि टॉपर बिना मेधा के ही टॉप कर गये. इसके बाद मामले की जांच बोर्ड द्वारा कायी गयी और इसके बाद इस कॉलेज के दो छात्रों के अंक फर्जी तौर पर कॉपी बदलने या अन्य कारणों से अधिक प्राप्त हुए, जिसके कारण दो छात्रों सौरभ श्रेष्ठ व राहुल कुमार का परिणाम रद्द किया गया और अन्य पर प्रक्रिया की जा रही है. 2016 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 24 फरवरी से पांच मार्च तक इंटर की परीक्षा आयोजित की गयी थी.
सबौर कृषि विवि में परामर्शी के नियुक्ति मामले की निगरानी जांच शुरू
पटना : बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर में निर्माण कार्य में कंसल्टेंट नियुक्त करने के मामले की निगरानी जांच शुरू हो गयी है. निगरानी विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मंगलवार को विवि परिसर पहुंची. निगरानी विभाग ने अपने तकनीकी सेल के दो अधिकारियों राकेश रंजन और राय संजीव सहाय को इस जांच की जिम्मेवारी सौंपी है.
इन अधिकारियों ने विवि प्रशासन से परामर्शी सह कंसल्टेंसी के चयन और उसे अब तक भुगतान की गयी राशि से संबंधित पूरी जानकारी और फाइल व दस्तावेज मांगे हैं. सूत्रों के मुताबिक सरकार को बिहार कृषि विवि, सबौर द्वारा 2010-11 के दौरान करोड़ों रुपये के निर्माण कार्य में परामर्शी नियुक्त करने में मानकों का पालन नहीं करने की शिकायत मिली है.
जानकारी के मुताबिक उक्त परामर्शी को कृषि और वित्त विभाग की अनुमति के बिना ही पैसे का भुगतान भी किया गया है. कृषि विभाग ने इसको लेकर निगरानी विभाग को गहन जांच का अनुरोध किया है. सूत्र बताते हैं कि परामर्शी सह कंसल्टेंट का चयन तत्कालीन कुलपति डाॅ मेवा लाल चौधरी के कार्यकाल में हुआ था. मेवा लाल चौधरी वर्तमान में जदयू के विधायक हैं. सूत्रों के मुताबिक परामर्शी के चयन और उसे पैसे की भुगतान की निगरानी जांच से खलबली मच गयी है. सूत्रों का मानना है कि आनेवाले दिनों में इस मामले में कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है.
टॉपर लिस्ट में नाम नहीं, पर प्राथमिकी में शालिनी बनी साइंस की स्टेट टॉपर
पटना : इंटर टॉपर्स घोटाले में अब राज परत-दर-परत खुलने लगा है. सोमवार की देर रात हुई एफआइआर में इंटर साइंस की जिस तीसरी टॉपर शालिनी राय को अभियुक्त बनाया गया है, उसके पिता का नाम अमित कुमार है. बिहार बोर्ड के रेकॉर्ड और एफआइआर में शालिनी राय का रौल नंबर 10106 और रौल कोड 33014 अंकित है. दिलचस्प बात यह है कि 2014 में मैट्रिक की परीक्षा में स्टेट टॉपर रही छात्रा का नाम भी शालिनी राय है और वह वैशाली जिले की रहनेवाली है. उसके पिता फिलहाल विवादों में चल रहे वीआर कॉलेज कीरतपुर के प्राचार्य अमित कुमार हैं.
शालिनी ने वैशाली के भोला राय नवीन जी हाइस्कूल से मैट्रिक की परीक्षा दी थी और उसे 486 (97.2 फीसदी) अंक आये थे. सोमवार को दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि शालिनी राय की कॉपी में छेड़छाड़ हुई है. इसकी उत्तर पुस्तिका में जहां कॉपी संख्या अंकित रहता है, उसे फाड़ कर अलग किया हुआ है. जालसाजी कर बगल के स्थान पर कॉपी संख्या अंकित की गयी है. दिलचस्प तथ्य यह है कि प्राथमिकी में शालिनी राय (रौल कोड 33014, रौल नंबर 10106) को इंटर साइंस का टॉपर बताया गया है, जबकि उसका नाम बिहार बोर्ड की टॉपर लिस्ट में ही नहीं है.
प्राथमिकी में सौरभ श्रेष्ठ को इंटर साइंस का सेंकेंड टाॅपर और राहुल कुमार को चतुर्थ टॉपर बताया गया है, जबकि बिहार बोर्ड की टॉपर लिस्ट में सौरभ श्रेष्ठ 426 अंक लाकर मेरिट लिस्ट में पहले स्थान पर और राहुल कुमार 423 अंक लाकर तीसरे स्थान पर रहे. गौरतलब है कि साइंस की टॉप-10 मेधा सूची में वीआर कॉलेज, कीरतपुर, भगवानपुर, वैशाली के तीन छात्रों पहले स्थान पर सौरभ श्रेष्ठ, तीसरे स्थान पर राहुल कुमार और सातवें स्थान पर शिवानी सिंह ने ही जगह बनायी थी. विवाद के बाद बिहार बोर्ड के रिजल्ट वेबसाइट पर से सौरभ श्रेष्ठ व राहुल कुमार के साथ ही शालिनी रॉय के मार्क्सशीट से उनके सभी विषयों के अंक हटा दिये गये हैं.
शालिनी का राज ?
प्राथमिकी में दर्ज शालिनी राय व वर्ष 2014 की मैट्रिक स्टेट टॉपर शालिनी कहीं एक ही तो नहीं
दोनों के पिता के नाम अमित कुमार, दोनों एक हैं, तो 2014 की मैट्रिक परीक्षा के रिजल्ट पर भी उठेगा सवाल
बोर्ड की टॉपर लिस्ट में नहीं थी शालिनी, तो एफआइआर में कैसे आया नाम
पिछले साल भी टॉपर विवाद में रहा वीआर कीरतपुर कॉलेज, फिर भी नहीं हुई थी कार्रवाई
एफआइआर में दो अन्य टॉपरों की कैसे बदल गयी रैंकिंग

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