शिक्षा के क्षेत्र में अराजकता : टॉपर्स घोटाले को लेकर मोदी ने की टिप्पणी
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में घोर अराजकता और अव्यवस्था का आलम है. मुख्यमंत्री का किसी विभाग पर कोई नियंत्रण नहीं है. सीएम को टाॅपर्स मामले में हस्तक्षेप करने में सात दिन का समय लगा. सरकार अगर प्री मैट्रिक […]
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में घोर अराजकता और अव्यवस्था का आलम है. मुख्यमंत्री का किसी विभाग पर कोई नियंत्रण नहीं है. सीएम को टाॅपर्स मामले में हस्तक्षेप करने में सात दिन का समय लगा.
सरकार अगर प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति बंद करेगी तो भाजपा इसके खिलाफ सड़क पर पर छात्रों के साथ आंदोलन करेगी. मंगलवार को जनता दरबार के बाद उन्होंने कहा िक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने दो- दो जांच कमेटी बना दी और सीएम कर रहे हैं कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. बिना सरकार की सहमति के न्यायिक जांच आयोग कैसे बना. सरकार सिर्फ जांच का नाटक कर रही है. अध्यक्ष पर कई आरोप लगते रहे हैं लेकिन वे बदले नहीं गये. विशुन राय काॅलेज के लिए बनी प्रो. वारिस जांच कमेटी के प्रतिवेदन को आज तक अध्यक्ष ने देखा तक नहीं.
बिहार की खराब छवि के लिए नीतीश जिम्मेवार: विधान सभा में विपक्ष के नेता डाॅ प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार की खराब होती छवि के लिए एकमात्र नीतीश कुमार जिम्मेवार हैं. नीतीश भाजपा के साथ लालू-राबड़ी के जंगलराज के विरुद्ध राजनीतिक लड़ाई लड़ कर बिहार के मुख्यमंत्री बने थे.
18 जून,13 को भाजपा से अलग होकर नीतीश कुमार ने उसी राजद का दामन थाम लिया जिसके जंगलराज के विरुद्ध चुनाव जीत कर सत्ता पायी थी. बिहार में पुनः जंगलराज लाने के लिए वे ही उत्तरदायी हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मनन करना चाहिए कि आखिर वह कौन सा कारण है कि सरकार में भाजपा के साथ रहते बिहार में अपराध पर काबू पाया जा चुका था. सरकार में मुख्यमंत्री की पकड़ ढीली हो गयी है. बिहार के विकास और पुनः सुशासन स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का अनुसरण करना चाहिए ताकि जनता को राज्य में सरकार होने का एहसास हो सके.