चारा घोटाले से जुड़ी फाइलें नहीं हैं गायब
मामला. विधि शाखा की महत्वपूर्ण फाइलों की चोरी से मचा हड़कंप पटना : पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के विधि शाखा की महत्वपूर्ण फाइल की चोरी से विभाग में हड़कंप मच गया है. फाइल की चोरी करीब डेढ़ महीने पिहले 26 अप्रैल को ही हुई थी. तीन दिनों तक विभाग के स्तर पर फाइलों की […]
मामला. विधि शाखा की महत्वपूर्ण फाइलों की चोरी से मचा हड़कंप
पटना : पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के विधि शाखा की महत्वपूर्ण फाइल की चोरी से विभाग में हड़कंप मच गया है. फाइल की चोरी करीब डेढ़ महीने पिहले 26 अप्रैल को ही हुई थी. तीन दिनों तक विभाग के स्तर पर फाइलों की खोज के बाद विभाग ने 30 अप्रैल को सचिवालय थाना में एफआइआर दर्ज कराने की सूचना दी थी.
थाना के स्तर पर इसे 15 दिन बाद यानी 16 मई की तिथि में एफआइआर दर्ज कराया गया. विभागीय सूत्र ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एफआइआर दर्ज होने के 22 दिन बाद सचिवालय थाना के एक आरक्षी द्वारा पूछताछ के लिए विभागीय अधिकारी से संपर्क किया. इसके बाद ही पूरे मामले की जानकारी आम लोगों को हुई. दूसरी ओर चोरी गयी फाइलों की खोज कूड़े की डंप में चोरी चुपके हो रही है.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि दो अलमारी की लगभग तीन सौ फाइल की चोरी हुई है़ बुधवार को विभाग द्वारा अन्य अलमारी को खोल कर फाइल की गिनती के लिए सचिवालय थाना से अनुमति मांगी, पर सचिवालय थाना के जांच पदाधिकारी ने फिलहाल अनुमति नहीं दी है़ संभवत: गुरुवार को अन्य अलमारियों को खेल कर यह देखा जायेगा कि जिस अलमारी से चोरी हुई है उसकी फाइलें अन्य में तो नहीं है़
पशुपालन विभाग और चारा घोटाला शब्द एक दूसरे का पर्याय बन चुका है. विधि विभाग की पुरानी फाइलें चोरी हुई और चारा घोटाले की फाइल गायब होने की चर्चा जोर पकड़ लिया, लेकिन परेशान हुए चारा पदाधिकारी सिद्धनाथ राय. कुछ लोगों ने यह समझ लिया कि चारा घोटाले की फाइल की चोरी हुई है तो चारा पदाधिकारी को इसकी सूचना होगी. इसके साथ ही डाॅ राय से ताबड़तोड़ फाइलों की चोरी के बारे में पूछा जाने लगा. डाॅ राय बार बार बताते रहे कि इस मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है.
ऊपर के अधिकारी ही इस संबंध में कोई जानकारी दे सकते हैं. गुम फाइल के बारे में पशुपालन विभाग ने स्पष्ट किया है कि चोरी हुई फाइलें पशु चिकित्सकों की अपनी निजी मांगों से संबंधित थीं. एक भी फाइल चारा घोटाला से संबंधित नहीं थी. विभाग के निदेशक राधे श्याम साह ने कहा है कि चोरी गयी फाइलें न्यायालय के वाद से संबधित है. सभी मामलों में जजमेंट हो चुका है.
तीन सदस्यीय कमेटी कर रही जांच
आज िरपोर्ट सौंपेगी कमेटी
विभागीय निदेशक राधेश्याम साह ने कहा कि एफआइआर दर्ज होने के साथ ही तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया गया था. जांच कमेटी में चारा पदाधिकारी डाॅ सिद्धनाथ राय, डाॅ कुमुद आसैर डाॅ परमीला शरण को शामिल हैं. जांच समिति गुरुवार को रिपोर्ट सौंप देगी.
विभागीय निदेशक राधे श्याम साह ने बताया कि समिति ने रिपोर्ट तैयार कर लिया है. गुरुवार को रिपोर्ट विभाग को मिल जायेगी. दूसरी ओर विभागीय सूत्र ने बताया कि जांच समिति ने बुधवार को चोरी गये फाइलों की जांच की. समिति ने जांच में पाया है कि चोरी गये कोई भी संचिका महत्वपूर्ण नहीं है. इसके गुम होने से भविष्य में कोई परेशानी नहीं होने वाली है, क्योंकि सभी संचिकाएं पूरी तरह निबटी हुई है.