पटना : बिहार में इन दिनों नीलगायों को मारने के लिये हैदराबाद से शूटर बुलाये गये हैं. मोकामा में 200 नीलगायों को गोली मार दी गयी है. नीलगायों को गोली मारने को लेकर दो केंद्रीय मंत्री आमने-सामने आ गये हैं. महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी जहां उनके मारे जाने का विरोध कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि राज्यों के आग्रह के बाद ही जानवरों को मारने का आदेश दिया गया है.
मेनका गांधी ने लगाया है आरोप
मीडिया में चल रही रिपोर्ट्स के मुताबिक बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी का आरोप है कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को चिठ्ठी भेजकर पूछा जा रहा है कि किस जानवर को मारना है, वह आदेश दे देगा. मामले में प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि किसानों की काफी फसल यह जानवर बरबाद करते हैं. किसानों की मांग को देखते हुए नीलगायों को मारने की अनुमति दी गयी है.
बंगाल-हिमाचल में हाथियों को मारने का आदेश क्यों-मेनका
मेनका गांधी का आरोप है कि पर्यावरण मंत्रालय की ओर से कहा जा रहा है कि किस जानवर को मारना है राज्य बताये वह इजाजत देंगे. बंगाल में कह दिया गया कि हाथी को मारें. हिमाचल में कह दिया गया की हाथी को मारें. गोवा में मोर को. मेनका गांधी का कहना है कि अब कोई जानवर नहीं बचा है. चांदपुर में इतना अनर्थ होरहा है कि उन्होंने 50 से ऊपर जंगली सुअर मार डाले हैं. मेनका गांधी ने इन घटनाओं के लिये पर्यावरण मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराया है.
प्रकाश डावड़ेकर का जवाब
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि वह किसी बात पर प्रतिक्रिया नहीं देते हैं लेकिन कानून के आधार पर किसान की फसल को नुकसान होता है और राज्य सरकार प्रस्ताव देती है तो केंद्र सरकार का संबंधित मंत्रालय इस बात की मंजूरी देता है. यह केंद्र सरकार का नहीं राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. इसके लिये पहले से कानून बना हुआ है.