पटना : बिहारटॉपर्स घोटाला मामले में एसआइटी ने अब तक पांच लोगोंको गिरफ्तारकियाहै. इसकी पुष्टि एसएसपी मनु महाराज ने की है. वहीं लालकेश्वर प्रसाद और अमित कुमार उर्फ बच्चा यादव का नाम भी एफआइआर मेंशामिल किया गया है. एसएसपी का दावा है कि लालकेश्वर प्रसाद के इशारे पर पूरा खेल हुआ है, इसके प्रमाण पुलिस के पास हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए सुबह से कई जगह छापेमारी की गयी है.
इस मामले पर एसएसपी मनु महाराज नेआज प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जीए कॉलेज की परीक्षा केंद्राधीक्षक शैल कुमारी, मूल्यांकन केंद्राधीक्षक विशेश्वर यादव, इसी कॉलेज के मैथ टीचर संजीव सुमन, बिहार बोर्ड की गोपनीय शाखा के क्लर्क शंभू प्रसाद दास व रंजीत कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है. वहीं अनुसंधान में ठोस प्रमाण सामने आने के बाद बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद व बच्चा यादव का नाम एफआइआर में शामिल किया गया है और उनकी तलाश के लिए छापेमारी की जा रही है.
उधर,बिहार बोर्ड, वीआर कॉलेज, परीक्षा केंद्र, मूल्यांकन केंद्र से जो दस्तावेज पुलिस ने सीज किये हैं, उसमें ऐसे कई प्रमाण मिले हैं, जिससे कॉपियों से छेड़छाड़ की पुष्टि हुई है. पुलिसके वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एफएसएल रिपोर्ट के आने के बाद तकनीकी रूप से यह साक्ष्य सामने आ पायेंगे कि किस तरह से गड़बड़ी होती थी.
एसआइटी ने छापेमारी के बाद वीआर कॉलेज को किया सील
हाजीपुर: एसआइटी पटना की टीम ने आज शाम यहां भगवानपुर पहुंच कर वीआर कॉलेज के प्राचार्य और संचालक के घर एवं कॉलेज कैंपस में छापेमारी की. इस दौरान संचालक के घर और कॉलेज से बड़ी मात्रा में परीक्षा प्रपत्र, प्रवेश पत्र, अंक पत्र के साथ अन्य कागजात जब्त किये गये हैं. टीम ने इस क्रम में संचालक के घर से एक युवक को भी हिरासत में लिया है. एसआइटी के नये नेतृत्वकर्ता सिटी एसपी चंदन कुशवाहा के साथ बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस बल का देर शाम तक यहां छापेमारी की जारी रहा.
सचिव भी आ सकते जांच की जद में
बीएसइबी के सचिव भी इस जांच की जद में आ सकते हैं. पुलिस सूत्रों का मानना है कि बोर्ड में जो भी गड़बड़ी हुई है, उसमें सचिव भी बराबर के हिस्सेदार हैं, क्योंकि बोर्ड की तमाम विभागीय कार्यवाही में अध्यक्ष और सचिव दोनों की बराबर सहमति होती है. इस वजह से सचिव से भी पूछताछ हो सकती है.
आरोपितों के खंगाले जा रहे बैंक एकांउट-मोबाइल सीडीआर
बिहार बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद समेत कुल सात आरोपितों के बैंक एकाउंट और मोबाइल सीडीआर खंगाले जा रहे हैं. रिजल्ट घोटाले में यह देखा जा रहा है कि कितने रुपयों की डीलिंग हुई है. वहीं सभी मोबाइल फोन की सीडीआर निकाली गयी है, जिसके आधार पर पूरे रैकेट को बेनकाब करने की तैयारी है.